अतिरिक्त नकदी जारी करने के कई उपायों की भी घोषणा
मौजूदा संकट को देखते हुए पूर्व घोषित कार्यक्रम से एक सप्ताह पहले पेश मौद्रिक नीति समीक्षा में रिजर्व बैंक ने कार्य शील पूंजी पर ब्याज भुगतान भी तीन महीने के टालने की बैंकों को अनुमति दी थी. वहीं नकदी बढ़ाने के विभिन्न उपायों के जरिये बैंकिंग प्रणाली में 3.74 लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त नकदी जारी करने के कई उपायों की भी घोषणा की थी.
21 दिनों के लॉकडाउन के बीच कोई भी सरकारी बैंक
- देश में कोरोनावायरस पर काबू पाने के लिए लगाए गए 21 दिनों के लॉकडाउन के बीच कोई भी सरकारी बैंक किसी भी तरह के लोन की ईएमआई अगले तीन महीने तक वसूल नहीं करेगा.
- मंगलवार को 11 सरकारी बैंकों ने इसका ऐलान किया. ये बैंक 31 मई 2020 तक किसी भी तरह के लोन की ईएमआई नहीं वसूल करेंगे.
- बता दें, कोरोना वायरस महामारी के आर्थिक प्रभाव से निपटने के लिये सरकार के साथ कदमताल करते हुए रिजर्व बैंक ने बैंकों का कर्ज सस्ता और सुलभ बनाने की दिशा में रेपो दर में 0.75 प्रतिशत की कमी करने सहित पिछले शुक्रवार को कई बड़े कदम उठाये थे.
- आरबीआई ने अप्रत्याशित और लीक से हट कर किए गए इन निर्णयों में आरबीआई ने बैंकों को कर्ज की मासिक किस्तों (ईएमआई) की वसूली में ग्राहकों को तीन महीने की मोहलत देने की छूट भी दी थी.
बैंकों को जमा राशि का एक हिस्सा
केंद्रीय बैंक ने बैंकों की फौरी नकदी की जरूरत पर लगने वाले ब्याज यानी रेपो दर 0.75 प्रतिशत घटाकर 4.40 प्रतिशत कर दिया. अबतक यह 5.15 प्रतिशत थी. वहीं नकदी बढ़ाने के लिये नकद अरक्षित अनुपात (सीआरआर) एक प्रतिशत कम कर 3 प्रतिशत कर दिया गया है. सीआरआर के तहत बैंकों को जमा राशि का एक हिस्सा रिजर्व के रूप में अलग रखना पड़ता है.
वाणिज्यिक बैंकों को दी गयी है
आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा था कि एक मार्च 2020 की स्थिति के अनुसार मासिक किस्त से जुड़े सभी प्रकार के कर्ज पर ईएमआई तीन महीने रोके जाने की अनुमति वाणिज्यिक बैंकों को दी गयी है.