Bargad Tree Worship : सनातन धर्म में बरगद के पेड़ (Bargad Tree) को शुभ माना गया है। इस पेड़ पर पूजा के दौरान कलावा बांधा जाता है। ऐसा करने से साधक को कई लाभ मिलते हैं। आइए जानते हैं कि पूजा के समय बरगद के पेड़ पर कलावा क्यों बांधा जाता है? Bargad Tree Worship
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इसलिए बांधा जाता है कलावा
धार्मिक मान्यता के अनुसार, बरगद के पेड़ में जगत के पालनहार विष्णु, भगवान शिव और भगवान ब्रह्मा का वास होता है। इसलिए इस पेड़ की पूजा-अर्चना की जाती है। मान्यता है कि ऐसा करने से साधक को सौभाग्य, आरोग्य और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। इसके अलावा महिलाएं मनचाही मनोकामना मांगते हुए बरगद के पेड़ पर कलावा बांधती है। ऐसा करने से उनपर देवी-देवताओं की कृपा सदैव बनी रहती है। इसके अलावा घर में सुख-शांति का आगमन होता है। Bargad Tree Worship
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मिलते हैं ये लाभ
मान्यता के अनुसार, बरगद के पेड़ पर कलावा बांधने से वैवाहिक जीवन में सैदव सुख-शांति बनी रहती है और पति-पत्नी के रिश्तों में मधुरता आती है। ऐसा कहा जाता है कि इस पेड़ पर कलावा बांधने से अकाल मृत्यु जैसे योग टलते हैं। सावित्री व्रत के दिन इस पेड़ की विधिपूर्वक पूजा करने का विधान है।
पौराणिक कथाओं के अनुसार, बरगद के पेड़ में ब्रह्मा, विष्णु और महेश वास करते हैं। देवों के देव महादेव बरगद के पेड़ के ऊपरी हिस्से का प्रतिनिधित्व करते हैं। वहीं, पेड़ की जड़ें ब्रह्मा का प्रतिनिधित्व करती हैं। माना जाता है कि पेड़ का तना श्रीहरि का प्रतिनिधित्व करता है। बरगद के पेड़ की उम्र सबसे अधिक होती है। इसलिए इसे ‘अक्षयवट’ भी कहा जाता है।
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