#UttarPradesh : अगले वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए बनाई गई आबकारी नीति में बीयर की एक्साइज ड्यूटी में छूट के फैसले से बीयर के दाम में 15 से 17 प्रतिशत की कमी आएगी। नीति में ईज आफ डुइंग बिजनेस और गुड गवर्नेंस को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया है।
सरकार ने कारोबारी सुगमता के लिए नई नीति में शराब के ब्रांड और लेवल जिसका हर वर्ष नवीनीकरण कराना अनिवार्य था, अब उसे एक साथ तीन वर्ष की फीस जमा कर हासिल किया जा सकेगा। अन्य प्रक्रियाओं को भी आसान किया गया है।
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नई नीति के तहत पिछले स्टॉक को अगले वर्ष के लिए रोल ओवर प्रक्रिया में छूट दी गई है। इसके लिए लगने वाली फीस अब नहीं लगेगी। पिछले सत्र के शेष माल को अगले वर्ष के सत्र के पहले सप्ताह तक छूट दी जाएगी। यानी 7 अप्रैल तक पिछले वर्ष के स्टाक की बिक्री की अनुमति होगी। दूसरे जिलों की सीमा पर दोनों जिलों की अनुमति के बिना फुटकर दुकानों का लाइसेंस नहीं दिया जाएगा। देशी विदेशी शराबों की दुकानें के लाइसेंस फीस में 7.5 फीसदी की बढ़ोतरी की गई है। बीयर की दुकानों के लाइसेंस फीस में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है।
बीयर की डिमांड कम होने से लिया गया निर्णय
नई नीति लागू होने के बाद बीयर के दाम में 15 से 20 रुपये तक की गिरावट आएगी। ऐसा बीयर (Beer) की डिमांड कम होने से किया गया है। दाम कम होने से दूसरे राज्यों से होने वाली तस्करी पर भी अंकुश लगेगा क्योंकि सस्ती बीयर के लिए ही दूसरे राज्यों से इसकी तस्करी की जाती रही है।
आने वाले सत्र में बीयर की सभी दुकानें 2021-22 में नवीनीकरण के लिए मान्य होंगी। देशी व अंग्रेजी शराब की दुकानों का नवीनीकरण तभी होगा जब जुलाई 2020 से मार्च 2021 तक के कोटे का शत प्रतिशत उठान कर लिया जाएगा। अनाज से शराब बनाने की भी अनुमति सरकार ने दे दी है।
वर्ष 2020-21 में 37500 करोड़ का राजस्व अनुमानित था लेकिन दिसंबर अंत के आंकड़ों के अनुसार यह अनुमान घट कर 28340 करोड़ रुपया रह गया। इसे देखते हुए इस वर्ष अनुमानित राजस्व 34500 करोड़ रुपये निर्धारित किया गया है।
घर में शराब रखने के लिए भी लाइसेंस
सरकार ने नई नीति में व्यवस्था की है कि निजी प्रयोग के लिए व्यक्तियों को निर्धारित फुटकर सीमा से अधिक शराब खरीदने, परिवहन व निजी कब्जे में शर्तों के अधीन रखने के लिए सालाना 12 हजार रुपये का होम लाइसेंस लेना होगा। इसके लिए 51 हजार रुपये सिक्योरिटी मनी भी जमा करनी होगी।
वाइन के उत्पादन को किया जाएगा प्रोत्साहित
आने वाले सत्र में वाइन के उत्पादन को प्रोत्साहित करने की योजना है। प्रदेश में निर्मित वाइन को प्रतिफल शुल्क से मुक्त रखने की योजना है। 90 एमएल की बोतलों में विदेशी शराब की बिक्री रेगुलर श्रेणी में भी उपलब्ध होगी। यही नहीं आबकारी विभाग की सभी प्रक्रियाओं को कंप्यूटराइज कर इंटीग्रेटेड सप्लाई चेन मैनेजमेंट सिस्टम चालू किया जाएगा।
फुटकर दुकानों में भी बिक्री पीओएस मशीन से करने की व्यवस्था की गई है। वहीं एयरपोर्ट पर भी अब महंगी शराब (Alcohol) उपलब्ध होगी। यहां प्रीमियम रिटेल वेंड अनुमन्य होगा। जहां वाइन टेस्टिंग अनुमन्य होगी। लेकिन टेस्टिंग कक्ष में बिक्री प्रतिबंधित होगी।
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