#SupremeCourt के आदेश से पहले #Mayawati ने SC/ST एक्ट को किया था संशोधित
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बसपा सुप्रीमो #Mayawati भले ही SC/ST एक्ट पर#SupremeCourt के फैसले के खिलाफ दलित आंदोलन के समर्थन में हों लेकिन अपने राज में वह भी ऐसे फैसले ले चुकी हैं। जानकारी के अनुसार मायवती के शासनकाल में एससी-एसटी एक्ट को संशोधित ही नहीं किया गया था बल्कि इस कानून को हल्का भी किया गया था। मजेदार बात यह है कि यही संशोधित कानून यूपी में आज भी लागू है।
मायावती सरकार ने एससी-एसटी एक्ट के दुरुपयोग को रोकने के लिए 2 आदेश दिए थे।
पहले आदेश में केवल शिकायत के आधार पर गिरफ्तारी पर रोक थी।
जबकि दूसरे में रेप और मर्डर जैसे जघन्य अपराधों की शिकायत ही एक्ट के तहत दर्ज करने का निर्देश था।
मायावती खुद भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में हैं
- बता दें कि 2 अप्रैल को यूपी समेत कई राज्यों में इस कानून को लेकर सड़कों पर उतरे दलित संगठनों ने जमकर हिंसा फैलाई थी, जिसे पूरे देश ने देखा था।
- वहीं दूसरी तरफ हिंसा के 2 दिन बाद ही 2007 में मायावती सरकार का वह सरकारी आदेश एक बार फिर सामने आ गया, जिसमें एससी-एसटी एक्ट को न सिर्फ संशोधित किया गया, बल्कि उसमें एक धारा 182 लगाकर यह आदेश पारित किया गया था कि अगर कोई इसका दुरुपयोग करेगा, तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई होगी।
- हालांकि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ यूपी में सड़कों पर हुई हिंसा में गिरफ्तार लोगों में कई नेता बहुजन समाज पार्टी के हैं।
- मायावती खुद भी अब खुलकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में हैं, लेकिन उनके शासन के दौरान का उनका ही आदेश अलग कहानी कहता है।