Bhutadi Amavasya March 2025: सनातन धर्म में चैत्र महीने का खास महत्व है। अमावस्या तिथि पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु गंगा समेत पवित्र नदियों में स्नान-ध्यान कर देवों के देव महादेव और मां गंगा की पूजा करते हैं। Bhutadi Amavasya March 2025
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पूजा के बाद आर्थिक स्थिति के अनुसार दान करते हैं। अमावस्या तिथि पर पितरों का तर्पण एवं पिंडदान भी किया जाता है। आइए, भूतड़ी अमावस्या (Bhutdi Amavasya March 2025 kab hai) की सही तारीख और महत्व एवं शुभ मुहूर्त जानते हैं-
शुभ मुहूर्त (Bhutadi Amavashya 2025)
वैदिक पंचांग के अनुसार, चैत्र अमावस्या तिथि की शुरुआत 28 मार्च को रात 07 बजकर 55 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन यानी 29 मार्च को शाम 04 बजकर 27 मिनट पर समाप्त होगी। सनातन धर्म में उदया तिथि मान है। इसके लिए 29 मार्च को चैत्र अमावस्या मनाई जाएगी। चैत्र अमावस्या को ही भूतड़ी अमावस्या कहा जाता है।
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शुभ योग (Bhutadi Amavashya Shubh Yog)
ज्योतिषियों की मानें तो भूतड़ी अमावस्या के दिन कई शुभ और मंगलकारी योग बन रहे हैं। इन योग में भगवान शिव की पूजा करने से साधक को अक्षय फल की प्राप्ति होगी। इस दिन ब्रह्म और इंद्र योग का निर्माण हो रहा है। साथ ही दुर्लभ शिववास योग का भी संयोग है। इन योग में गंगा स्नान करने से साधक के समस्त पाप नष्ट हो जाएंगे। साथ ही सभी प्रकार के दुख एवं संकट भी दूर हो जाएंगे। धार्मिक मत है कि भूतड़ी अमावस्या के दिन देवों के देव महादेव की पूजा करने से पितृ दोष का प्रभाव समाप्त हो जाता है।
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पंचांग
सूर्योदय – सुबह 06 बजकर 15 मिनट पर
सूर्यास्त – शाम 06 बजकर 37 मिनट पर
ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 04 बजकर 42 मिनट से 05 बजकर 28 मिनट तक
विजय मुहूर्त – दोपहर 02 बजकर 30 मिनट से 03 बजकर 19 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त – शाम 06 बजकर 36 मिनट से शाम 06 बजकर 59 मिनट तक
निशिता मुहूर्त – रात्रि 12 बजकर 02 मिनट से 12 बजकर 49 मिनट तक
अस्वीकरण: ”इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। JAIHINDTIMES यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है।