BIG NEWS : रिकार्ड तोड गर्मी से VARANASI का हाल बेहाल है। गर्मी से मरने वालों की संख्या लगाता बढ रही है। एक न्यूज वेब पोर्टल के अनुसार काशी के महाश्मशान Manikarnika Ghat पर शवों की कतारें लगी हैं।
यूपी में 48 घंटे में गर्मी से 160 की मौत और कानपुर में 24 मौत
गुरुवार (30 मई) को सामान्य दिनों की तुलना में 400 से ज्यादा शव पहुंचे। मणिकर्णिका घाट की गलियों में रातभर जाम लगा रहा। भीड़ से व्यवस्थाएं ध्वस्त हो गईं। तीन दिनों में तापमान बढ़ने के बाद शवदाह के लिए आने वालों की संख्या में पांच गुना का इजाफा हुआ है।
घाट पर अंतिम संस्कार कराने वाले डोम राजा ओम चौधरी ने बताया, गर्मी बढ़ने के बाद अचानक शवों की संख्या बढ़ी है। ओम चौधरी, डोम राजा जगदीश चौधरी के बेटे हैं। मणिकर्णिका पर अंतिम संस्कार की पूरी जिम्मेदारी उनकी ही है।
DONALD TRUMP सभी 34 मामलों में दोषी करार
मसालों की जांच में मिले कीटनाशक तत्व
घाट पर नगर निगम की जिम्मेदारी : SDM
SDM सार्थक अग्रवाल ने कहा, घाट पर नगर निगम की जिम्मेदारी है। अगर किसी तरह की दिक्कत होती है, तो उसे ठीक किया जाएगा। वहीं, नगर निगम के अपर नगर आयुक्त दुष्यंत मौर्य ने कहा- जब शव की संख्या बढ़ी, तो अतिरिक्त कर्मचारी लगा दिए गए हैं। नगर निगम का जिम्मा है। लोगों की परेशानी खत्म करने पर तुरंत काम किया जाएगा।
गुरुवार आधी रात में मैदागिन से लेकर मोक्षद्वार तक शव ही शव नजर आ रहे थे। गली और घाट में जब जगह कम पड़ी तो शवों को एक के ऊपर एक रख दिया। मणिकर्णिका में रातभर अंतिम संस्कार होता है। ऐसे में शुक्रवार तड़के तक वहां ऐसे ही हालात रहे।गुरुवार रात घाट पर बनाए गए प्लेटफार्म पर जितने शव जल रहे थे, उससे कई गुना शव लेकर लोग कतार में खड़े थे। घाट के डोम ने भीड़ देखकर शवों को कतार में लगवाया। जगह कम पड़ी, तो शव के ऊपर शव रखवा दिए।
देश में सबसे ज्यादा गर्म दिल्ली, पारा 52.3º
ज्येष्ठ माह के दूसरे बड़े मंगल पर जरूर करें ये काम
लो आ गया ‘चंदू चैपियन’ का टाइटल सॉन्ग
घाट पर एक बार में 25 से 30 शवों का ही अंतिम संस्कार कराया जाता है। ऐसे में वेटिंग लिस्ट लंबी होती जा रही थी। काशी के आसपास के जिलों से शव लेकर आए परिजनों को दाह-संस्कार के लिए 5-5 घंटे तक प्रतीक्षा करनी पड़ी। यही वजह थी, गलियों में शवों की संख्या और भीड़ दोनों बढ़ गई।
एक चिता पर दो शव जलाने को भी लोग तैयार
अपने रिश्तेदार का शव लेकर आए घाट आए महेंद्र कुमार गुप्ता ने बताया- घाट पर लकड़ियां ही नहीं मिल रही हैं। हमें अंदाजा नहीं था कि हालात ऐसे होंगे। भीड़ से परेशान परिजन एक चिता पर दो शव रखकर जलाने के लिए भी तैयार हो गए। दरअसल, लकड़ी न मिलने से लोगों के पास कोई दूसरा विकल्प भी नहीं था। वहीं, जब लकड़ियां मिलने में दिक्कत आई तो कुछ परिजन दूसरे घाट पर शव लेकर चले गए।