Bijasan Mata Mandir: नवरात्र (Navratri) के दौरान मंदिरों में भक्त अधिक संख्या में मां दुर्गा के दर्शन और पूजा-अर्चना के लिए पहुँचते हैं। अगर आप भी इस बार शारदीय नवरात्र में किसी मंदिर जाने का प्लान बना रहे हैं, तो बिजासन माता मंदिर (Bijasan Mata Mandir) जरूर जाएं। इस मंदिर में मां बिजासन विराजमान हैं। Bijasan Mata Mandir
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धार्मिक मत है कि मां बिजासन (Bijasan Mata Mandir) की प्रतिमा दिन में तीन स्वरूप बार बदलती हैं। मां के जलाभिषेक का जल लगाने से नेत्र रोग ठीक हो जाता है, जिसके बाद श्रद्धालु मां बिजासन को सोने-चांदी के नेत्र अर्पित करते हैं। ऐसे में आइए जानते हैं इस मंदिर से जुड़ी अहम बातों के बारे में।
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कैसा है मां बिजासन स्वरूप
मां बिजासन के दोनों हाथों में नरमुंड हैं। मूर्ति के एक ओर गणपति बप्पा और दूसरी ओर अष्टभुजी मां दुर्गा की मूर्ति विराजमान है। मंदिर के बारे में ऐसी मान्यता है कि जिस श्रद्धालु को आंख से संबंधित कोई समस्या है, तो मां बिजासन के जलाभिषेक के जल को दिन में 3 बार लगाने से नेत्र से संबंधित से समस्या से मुक्ति मिलती है। नेत्र रोग से छुटकारा मिलने के बाद श्रद्धालु मंदिर में सोने-चांदी की आंखें अर्पित करते हैं।
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3 बार बदलता है स्वरूप
धार्मिक मान्यता के अनुसार, मंदिर में विराजमान मां बिजासन की मूर्ति दिन में 3 बार अपना स्वरूप बदलती है। सुबह में बाल्य अवस्था, दोपहर में युवा अवस्था और संध्या काल में मां बिजासन की वृद्धावस्था में देखने को मिलती है। रोजाना मां बिजासन की विशेष पूजा-अर्चना होती है। मां बिजासन का जलाभिषेक सुबह 04 बजे किया जाता है और रात्रि में 08 आरती होती है। इस मंदिर में देश के कई हिस्सों से श्रद्धालु मां बिजासन की उपासना और दर्शनों के लिए आते हैं।
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कई वर्ष पुराना है मंदिर
इस मंदिर को कई वर्ष पुराना बताया जाता है। हर महीने की चतुर्दशी तिथि पर मंदिर में अधिक भीड़ देखने को मिलती है। इस मंदिर को महाराजा शिवाजीराव होलकर ने बनवाया था।
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