एक तरफ प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लोगों से लाकडाउन को सफल बनाने की अपील कर रहे हैं। कोरोना से लोगों को कैसे बचाए जाए इसपर गहन मंथन कर रहे हैं। लेकिन उनकी कोशिश को उनके ही भाजपा सांसद फेल करने में लगे हैं। मामला उत्तर प्रदेश के कन्नौज का है। यहां भाजपा सांसद सुब्रत पाठक और उनके कार्यकर्ताओं ने सदर तहसीलदार अरविंद कुमार को उनकी पत्नी और बच्चों के सामने में घर में घुसकर पीट दिया। मामला मंगलवार का है। मामले में रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है। सांसद ने आरोपों से इनकार किया है।
घटना से कुछ देर पहले सांसद से हुई मोबाइल फोन में बात की जानकारी डीएम, एडीएम और एसडीएम सदर को भी दी थी। धमकी और गाली खाए तहसीलदार को एसडीएम सदर ने कार्यालय से घर जाने को कह दिया।
क्या है पूरा मामला
सदर तहसीलदार अरविंद कुमार ने बताया कि सांसद सुब्रत पाठक की ओर से उन्हें अनाज वितरण के लिए कुछ लोगों के नामों की एक सूची भेजी गई थी। इस सूची को उन्होंने नायब तहसीलदार को देकर जल्द अनाज वितरण के निर्देश दिए थे। दोपहर 12:59 बजे सांसद सुब्रत पाठक का उनके पास फोन आया।
उन्होंने सूची में शामिल लोगों तक राशन न पहुंचने की बात कही। इस पर नायब तहसीलदार की ओर से जल्द राशन वितरण के लिए बताया। इतने में सांसद गाली गलौज करते हुए धमकी देने लगे। कहा कि वह कार्यालय पहुंच रहे हैं। सांसद से धमकी मिलने के बाद वह डर गए। इसकी जानकारी डीएम, एडीएम और एसडीएम सदर को दी। एसडीएम सदर के कहने पर वह कार्यालय से आवास पर चले गए।
करीब सवा दो बजे सांसद 20-25 लोगों के साथ आवास पर पहुंच गए। यह लोग दरवाजा पीटने लगे। इससे वह लोग भयभीत हो गए। पत्नी और बच्चे रोने लगे। उन्हें लगा कि अगर वह बाहर नहीं निकले तो यह लोग अंदर घुस आएंगे। पत्नी के साथ भी मारपीट कर सकते हैं। इसके बाद वह बाहर निकले। सांसद आवास में बने कार्यालय में उनकी कुर्सी पर बैठे थे। सांसद ने उन्हें देखते ही सूची में शामिल लोगों को राशन न देने की बात पूछी।
वह सफाई देने लगे तभी सांसद ने मोबाइल छीन लिया। उन्हें पीटने लगे। इसके बाद साथ आए लोगों ने जमीन पर गिराकर लात-घूसों से पीटना शुरू कर दिया। शोर सुनकर बचाने आए लेखपाल रामबरन और अमित राय को दौड़ा लिया। रामबरन बच गए। अमित राय को पकड़कर पीट दिया। भागने में दो भाजपाई बाइक छोड़कर भाग गए। इन्हें सदर कोतवाली पुलिस ने कब्जे में ले लिया। सांसद और भाजपाइयों के जाने के बाद सदर तहसीलदार ने घटना की जानकारी आलाधिकारियों को दी।
कुछ ही देर में डीएम राकेश कुमार मिश्रा, एसपी अमरेंद्र प्रसाद सिंह, एडीएम गजेंद्र कुमार, सदर एसडीएम शैलेष कुमार मौके पर पहुंच गए। सदर कोतवाली से पुलिस फोर्स तहसील पहुंच गई। अफसरों ने तहसीलदार से घटना की जानकारी ली। इसके बाद एडीएम और सदर एसडीएम के साथ मेडिकल के लिए जिला अस्पताल भेजा। सदर एसडीएम शैलेष कुमार ने बताया कि घटना बेहद दुखद है। इस तरह प्रशासनिक अधिकारियों पर हमले चिंता का विषय हैं। मेडिकल परीक्षण के बाद तहसीलदार की ओर से सदर कोतवाली में तहरीर दी जाएगी।