Breaking News: झारखंड सरकार (Jharkhand Government) ने राज्य में निकोटीन और तंबाकू युक्त गुटखा और पान मसाला के उत्पादन, वितरण, बिक्री और भंडारण पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है। Breaking News
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राज्य सरकार (State government) ने तंबाकू एवं निकोटिन युक्त गुटखा एवं पान मसाला पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। राज्य में न तो इसका निर्माण, भंडरण या वितरण होगा और न ही इसकी बिक्री होगी।
स्वास्थ्य विभाग ने मंगलवार को इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी। इसके तहत राज्य सरकार ने लोक स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए यह प्रतिबंध एक वर्ष के लिए लागू किया है। बाद में इसका विस्तार भी हो सकता है।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने इस निर्णय पर कहा है कि राज्य के लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
कैंसर जैसी घातक बीमारी
गुटखा और पान मसाले के कारण कैंसर जैसी घातक बीमारी तेजी से बढ़ रही है। हमारे युवा इससे अधिक प्रभावित हैं। एक चिकित्सक होने के नाते वे जानते हैं कि यह जहर किस हद तक शरीर को नुकसान पहुंचाता है।
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कड़ी कानूनी कार्रवाई
उन्होंने कहा कि पान मसाला या गुटखा बेचने, भंडारण करने या सेवन करने पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। गुटखा माफिया और अवैध कारोबारियों पर विशेष नजर रखी जाएगी।
किसी भी दुकान, गोदाम या व्यक्ति के पास गुटखा मिलने पर न केवल सख्त कानूनी कार्रवाई होगी, बल्कि गोदाम भी सील किए जाएंगे। स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि इस आदेश का कठोरता से पालन कराया जाए।
महिलाएं लगा रही थीं गुहार
मंत्री ने कहा कि उनसे लगातार माताएं और बहनें गुहार लगा रही थीं कि उनके बच्चे और भाई नशे की गिरफ्त में फंसकर अपना जीवन नष्ट कर रहे हैं। मैंने उनकी पीड़ा को समझा और यह ठोस निर्णय लिया।
उन्होंने अधिकारियों और आम जनता से अपील करते हुए कहा कि वे इस फैसले को एक चुनौती की तरह लें और झारखंड को गुटखा मुक्त बनाने में सहयोग करें।
झारखंड में लागू होगी शोध और नवाचार नीति
राज्य में विश्वविद्यालयों एवं कालेजों में छात्र-छात्राओं को शोध और नवाचार को लेकर प्रोत्साहित करने के लिए नीति लागू होगी।
उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग ने इसे लेकर झारखंड स्टूडेंट रिसर्च एंड इनोवेशन पालिसी-2025 तैयार किया है। मंगलवार को प्रोजेक्ट भवन सभागार में आयोजित होनेवाली कार्यशाला में इस पालिसी के प्रविधानों पर विमर्श होगा।
इसपर विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपतियों एवं शिक्षाविदों से भी परामर्श लिया जाएगा। इससे पहले विभाग के पदाधिकारी संदीप शर्मा प्रस्तावित नीति के ड्राफ्ट पर अपना प्रजेंटेशन देंगे।