RAHUL PANDEY
योगी सरकार में मेरे परिवार को प्रताड़ित किया गया। उस समय उनको कुछ मिला नहीं। उन्होंने प्रताड़ित करने का काम किया है। यह दर्द चिल्लूपार के बसपा से विधायक और पूर्वांचल के बाहुबली पूर्व मंत्री हरिशंकर तिवारी के बेटे विनय शंकर तिवारी का है। एक वेबासाइट को दिए इंटरव्यू में विनय शंकर तिवारी ने कहा कि आज ब्राह्मणों का उत्पीड़न हो रहा है। उदाहरण के लिए बीआरडी के प्रिंसिपल राजीव मिश्रा को बच्चों की मौत मामले में गलत तरीके से सस्पेंड किया गया। उनकी पत्नी को भी जेल में डाला गया। रायबरेली में ब्राह्मण की हत्या की गई।
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चुनाव नजदीक आते ही यूपी की राजनीति बदल रही है। आए दिन नेता भी दल बदल रहे हैं। यूपी की ब्राह्मण राजनीति के बीच गोरखपुर के चिल्लूपार से विधायक और बसपा से निष्कासित विनय शंकर तिवारी आज सपा में शामिल हो रहे हैं। विनय शंकर तिवारी की नजर में अखिलेश विकास का चेहरा हैं।
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विनय शंकर तिवारी पूर्वांचल के बाहुबली और पूर्व मंत्री हरिशंकर तिवारी के बेटे हैं। भाजपा की सरकार बनते ही बाहुबली के खिलाफ 22 अप्रैल 2017 को योगी सरकार ने उनके घर ‘तिवारी हाता’ पर जांच बैठा दी। गोरखपुर के आला अधिकारी 22 रिमाइंडर दिए थे, फिर भी जांच दो साल से अधिक समय से पेंडिंग रही। कोई अधिकारी विवेचना की हिम्मत नहीं जुटा पाता।
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विनय शंकर तिवारी 2017 में पहली बार विधायक बने। उनका कहना है कि बीजेपी सरकार में पंडितों पर शोषण बढ़ा है। योगी आदित्यनाथ उनके परिवार से निजी दुश्मनी निकालते हैं। साल 2012 से 2017 तक चली सपा की सरकार में जितना काम हुआ वह पहले या बाद में नहीं हुआ। दूसरी ओर BSP के लोग उनका साथ छोड़ रहे हैं, जिसके लिए मायावती खुद जिम्मेदार हैं।
विनय शंकर के पिता 22 सालों तक विधायक रहे
यूपी की राजनीति में हरिशंकर तिवारी 1985 में गोरखपुर की चिल्लूपार सीट से विधानसभा चुनाव लड़ते हैं। जेल की चारदीवारी के अंदर रहते हुए चुनाव जीत जाते हैं। तभी से उनके बाहुबल की शुरुआत होती है। इसके बाद हरिशंकर के लिए राजनीति का दरवाजा खुल जाता है। जेल में रहते हुए हरिशंकर चुनाव जीते और साल 1997 से लेकर 2007 तक वे लगातार यूपी में मंत्री बने रहे। चिल्लूपार सीट से वह 22 सालों तक विधायक रहे। हरिशंकर को केवल 2 बार हार मिली। पहली बार 2007 में और दूसरी बार साल 2012 के विधानसभा चुनाव में हारे। भाजपा, सपा, बसपा सभी सरकारों में वे मंत्री रहे।