ARTI PANDEY CHANDIGARH
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने 1984 के सिख दंगों के मामले में बिना किसी कारण गांधी परिवार को घसीटने की फिर कोशिश करने पर सुखबीर सिंह बादल की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि इन दंगों में व्यक्तिगत रूप में कुछ कांग्रेसी नेता शामिल थे जिनको पार्टी लीडरशिप की गुप्त या खुले तौर पर कोई हिमायत हासिल नहीं थी।
शिरोमणी अकाली दल के प्रधान द्वारा राहुल गांधी की लीडरशिप को कमज़ोर करने के लिए की निराश कोशिशों को हास्यप्रद बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी ने हाल ही में तीन बड़े राज्यों में जीत हासिल की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे सिद्ध होता है कि सुखबीर बादल सांसदीय चुनाव से पहले चुनावी मैदान में कूदने के लिए हाथ -पैर मार रहा है।
वोटरों का समर्थन जुटाने के लिए लोगों की धार्मिक भावनाओं के साथ खेलने के लिए अकालियों पर बरसते हुए कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने सुखबीर बादल को इस संवेदनशील मसले का सियासीकरन बंद करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि राजनैतिक लाभ की ख़ातिर धर्म का दुरुपयोग करने से अकाली दल को कोई फ़ायदा नहीं पहुँचेगा और लोकसभा चुनाव में भी इस पार्टी का हाल साल 2017 के विधानसभा चुनाव वाला ही होगा।
मुख्यमंत्री ने अपने पैंतरे को दोहराते हुए कहा कि यदि किसी की व्यक्तिगत तौर पर सिख दंगों में कोई सम्मिलन है तो वह सज़ा का हकदार है और उसे गुनाहों की सज़ा मिलनी चाहिए परन्तु इस मामले में पूरी कांग्रेस पार्टी या गांधी परिवार को लपेटने की कोशिश करना ग़ैर -वाजिब है। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि हिंसा के समय राहुल स्कूल पढ़ता बच्चा था और राजीव गांधी पश्चिमी बंगाल में थे। मुख्यमंत्री ने संकुचित राजनैतिक हितों के लिए सिखों की धार्मिक भावनाओं के साथ खेलने की कोशिश करने पर सुखबीर की कड़ी निंदा की।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि गुनाहगारों का कोई धर्म नहीं होता और न ही वह किसी राजनैतिक पार्टी के साथ सम्बन्धित होते हैं। उन्होंने कहा कि समकालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के मद्देनजऱ हिंसा भडक़ाने वाले लोगों को किये अपराध के लिए सज़ा भुगतनी पड़ेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि अदालत ने सज्जन कुमार को उम्र कैद की सज़ा देकर इस केस में मिसाल कायम कर दी है। उन्होंने भरोसा ज़ाहिर किया कि इस घृणित अपराध में शामिल बाकी दोषियों का यही हाल होगा।
मुख्यमंत्री ने सवाल किया कि यदि सुखबीर बादल दोषियों को सज़ा दिलाने के लिए सचमुच ही चिंतित हैं तो इस मामले में तुगलक पुलिस थाने में दर्ज एफ.आई.आर. में शामिल आर.एस.एस./भाजपा के 22 वर्करों के मुद्दे को कभी क्यों नहीं उठाया। उन्होंने कहा कि अकालियों की तरफ से इस मामले पर हो-हल्ला मचाना राजनैतिक तौर पर प्रेरित है जिससे वह अपने काले कारनामों से लोगों का ध्यान हटा सकें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राहुल गांधी समेत कांग्रेस पार्टी ने कभी भी इस मुद्दे को नहीं उठाया क्योंकि उनका मानना है कि अपराधियों का न कोई धर्म होता है और न ही कोई राजनैतिक विचारधारा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वह लगातार यह कहते रहे हैं कि दंगों के दौरान जब वह शर्णार्थी कैंपों में गए तो वहां पीडि़तों ने सज्जन कुमार का नाम लिया था। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि इस मामले में सुखबीर बादल की तरफ से जिन कांग्रेसी नेताओं का नाम घसीटने की कोशिश की जा रही है, उनका कभी जि़क्र नहीं हुआ है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दोषियों को सज़ा देना अब अदालत पर निर्भर है और इस मामले में न तो सुखबीर का और न ही अन्य अकाली या भाजपा नेता का कोई अस्तित्व है।
उन्होंने कहा कि अकाली दल के प्रधान को लोकसभा चुनाव से पहले इस मुद्दे से राजनैतिक लाभ लेने की कोशिश बंद करने के लिए कहा।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि सिख दंगों में व्यक्तिगत तौर पर शामिल लोगों के खि़लाफ़ दर्ज मामलों को अदालतों द्वारा नतीजों तक लेकर जाया जाएगा, जिनको इस मामले पर सुखबीर के मार्ग दर्शन की ज़रूरत नहीं है।