Chandra Grahan 2023: साल का दूसरा चंद्र ग्रहण 29 अक्टूबर को देर रात 1:06 बजे शुरू होगा और 2:22 बजे समाप्त होगा। ये पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा और भारत में भी दिखाई देगा। इस कारण सूतक काल भी भारत में मान्य होगा।Chandra Grahan 2023
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Chandra Grahan 2023 चंद्र ग्रहण के तीन अलग-अलग रूप पूर्ण चंद्र ग्रहण, आंशिक चंद्र ग्रहण और पेनुमब्रल या उपछाया चंद्रग्रहण हैं। आइए इन तीनों के विषय में विस्तारपूर्वक जानते हैं।
कब लगता है पूर्ण चंद्र ग्रहण(Chandra Grahan 2023)
सूर्य ग्रहण की तरह चंद्र ग्रहण भी तीन तरह के होते हैं। पृथ्वी सूर्य के चक्कर लगाती है और चंद्रमा पृथ्वी के चक्कर लगाता है। इस बीच ऐसा समय आता है जब पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा एक सीध में होते हैं। पृथ्वी चंद्रमा को पूरी तरह से ढक लेती है। इसके कारण चंद्रमा पर सूर्य की रोशनी नहीं आ पाती। इसे पूर्ण चंद्र ग्रहण कहते हैं। ज्योतिष के अनुसार पूर्ण चंद्र ग्रहण सबसे प्रभावशाली माना जाता है।
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कैसे लगता है आंशिक चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan 2023)
जब सूरज और चांद के बीच पृथ्वी पूरी तरह न आकर केवल इसकी छाया ही चंद्रमा पर पड़ती है तब इसे आंशिक चंद्र ग्रहण कहा जाता है। आंशिक चंद्र ग्रहण लंबे समय के लिए नहीं लगता है, लेकिन ज्योतिष के हिसाब से इसमें भी सूतक के सारे नियमों का पालन करना जरूरी होता है।
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उपच्छाया चंद्र ग्रहण का अर्थ (Chandra Grahan 2023)
जब चंद्र पर पृथ्वी की छाया न पड़कर उपछाया पड़ती है, तो इसे उपच्छाया चंद्रग्रहण कहा जाता है। इस ग्रहण में चंद्रमा के आकार पर किसी प्रकार का प्रभाव नहीं पड़ता है लेकिन चांद की रोशनी में हल्का सा धुंधलापन आ जाता है और चंद्रमा मटमैले रंग का दिखाई पड़ता है। इसे वास्तविक चंद्रग्रहण नहीं माना जाता है इसलिए इस चंद्र ग्रहण के दौरान सूतक के नियम लागू नहीं होते।(Chandra Grahan 2023)
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