#ChandraGrahan : जानिए ग्रहण के वक्त क्यों नहीं करना चाहिए भोजन
#ChandraGrahan : 27 जुलाई की रात को सदी का सबसे लंबा चंद्रग्रहण लगने वाला है. आकाश में एक अद्भुत नजारा होगा. भारतीय समय अनुसार, चंद्रग्रहण की शुरुआत उपछाया के ग्रहण से 22:42:48 बजे होगी. उस समय चंद्रमा की चमक थोड़ी सी धूमिल होती है लिहाजा आमतौर पर आपको इसका पता नहीं चलता है.
कब होगा पूर्ण चंद्रग्रहण
रात्रि 11:53:48 बजे छाया का ग्रहण आरंभ होगा अर्थात चंद्रमा तब पृथ्वी की घनी छाया में प्रवेश करेगा. इसी के साथ चंद्रमा की गोल आकृति धीरे-धीरे काली पड़ती दिखाई देगी और आंशिक चंद्रग्रहण की शुरुआत हो जाएगी. धीरे-धीरे चंद्रमा की गोल आकृति और भी ज्यादा मुख्य छाया में छुपती जाएगी. रात्रि 00:59:39 बजे चंद्रमा पूरी तरह से पृथ्वी की घनी छाया में प्रवेश कर जाएगा. यह क्षण होगा पूर्णता की स्थिति के आरंभ का और तब चंद्रमा पूरी तरह से अदृश्य नहीं हो जाएगा. तब यह चंद्रमा लाल आभा लिए हुए नजर आएगा.
क्या असर पड़ेगा खाने की चीजों पर
जो चीज चंद्रमा के एक पूर्ण चक्र के दौरान 28 दिनों में होती है, वह चंद्रग्रहण के दौरान ग्रहण के 2 से 3 घंटे के भीतर सूक्ष्म रूप में घटित होती है. ऊर्जा के अर्थों में पृथ्वी की ऊर्जा गलती से इस ग्रहण को चंद्रमा का एक पूर्ण चक्र समझ लेती है. पृथ्वी ग्रह में कुछ ऐसी चीजें घटित होती हैं, जिससे अपनी प्राकृतिक स्थिति से हटने वाली कोई भी चीज तेजी से खराब होने लगती है.
क्या करें खान-पान को लेकर
- यही वजह है कि कच्चे फलों और सब्जियों में कोई बदलाव नहीं होता, जबकि पका हुआ भोजन ग्रहण से पहले जैसा होता है, उसमें एक स्पष्ट बदलाव आता है.
- जो पहले पौष्टिक भोजन होता है, वह जहर में बदल जाता है.
- जहर एक ऐसी चीज है जो आपकी जागरूकता को नष्ट कर देता है.
- अगर वह आपकी जागरूकता को छोटे स्तर पर नष्ट करता है, तो आप सुस्त हो जाते हैं.
- अगर वह एक खास गहराई तक आपकी जागरूकता नष्ट कर देता है, तो आप नींद में चले जाते हैं.
- अगर कोई चीज आपकी जागरूकता को पूरी तरह नष्ट कर देता है, तो आपकी मृत्यु हो जाती है. सुस्ती, नींद, मृत्यु-यह बस क्रमिक बढ़ोतरी है.
- इसलिए पका हुआ भोजन किसी सामान्य दिन के मुकाबले कहीं अधिक तेजी से एक सूक्ष्म रूप में सड़न के चरणों से गुजरता है.
- यानी खराब हो जाता है. जिसका सेवन हानिकारक हो सकता है.
इस वक्त खाने से क्या होगा
- जानकारों के अनुसार चंद्रग्रहण के वक्त अगर पेट में भोजन मौजूद है, तो दो घंटे के समय में आपकी ऊर्जा लगभग अट्ठाइस दिन बाद की अवस्था में पहुंच जाएगी.
- अब यह भी सवाल उठता है कि ऐसे दिन कच्चा भोजन कर सकते हैं? तो इसका जवाब है नहीं, क्योंकि भोजन जैसे ही शरीर में प्रवेश करता है, आपके पेट में मौजूद रस या सत्व उस पर हमला करके उसे मार देते हैं.
- वह आधे पके भोजन की तरह हो जाता है और उस पर भी ग्रहण का वही असर होगा.
- इसका संबंध केवल भोजन से नहीं है. आप जिस रूप में है, उस पर भी इसका असर पड़ता है.
ऐसे बचा सकते हैं पके भोजन को ग्रहण के प्रभाव से
- ग्रहण के वक्त भोजन नहीं करना चाहिए.
- कोशिश करें ग्रहण लगने से कुछ समय पहले भोजन कर लें.
- ऐसे समय में यह भी कोशिश करें कि पका हुआ भोजन न बचे.
- अगर बचता तो इसमें तुलसी के पत्ते डालकर रख सकते हैं.
- दूध और दही में तो ऐसा जरूर करना चाहिए. वहीं उनका यह भी कहना है कि ग्रहण के बाद दान करने से लाभ मिलता है.
- ग्रहण के वक्त बचे हुए भोजन या पकी खाद्य सामग्री को पशुओं को खिला देना चाहिए.