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Navratri : नवरात्रि के समय में मां दुर्गा के 9 स्वरुपों की विधि विधान से पूजा की जाती है, इसलिए इसे दुर्गा पूजा भी कहा जाता है। Navratri
नवरात्रि (Navratri) के समय में मां दुर्गा के बीज मंत्रों का जाप कल्याणकारी और प्रभावी माना जाता है। इस नवरात्रि आप 9 दुर्गा के बीज मंत्रों का जाप कर सकते हैं। इसमें शब्दों के उच्चारण का विशेष ध्यान रखा जाता है।
मां दुर्गा के 9 स्वरुपों के बीज मंत्र…
9 दुर्गा के बीज मंत्र
शैलपुत्री: ह्रीं शिवायै नम:।
ब्रह्मचारिणी: ह्रीं श्री अम्बिकायै नम:।
चन्द्रघण्टा: ऐं श्रीं शक्तयै नम:।
कूष्मांडा: ऐं ह्री देव्यै नम:।
स्कंदमाता: ह्रीं क्लीं स्वमिन्यै नम:।
6. कात्यायनी: क्लीं श्री त्रिनेत्रायै नम:।
7. कालरात्रि: क्लीं ऐं श्री कालिकायै नम:।
8. महागौरी: श्री क्लीं ह्रीं वरदायै नम:।
9. सिद्धिदात्री: ह्रीं क्लीं ऐं सिद्धये नम:।
किस दिन किस देवी की पूजा
इस बार मां दुर्गा घोड़े पर सवार होकर आ रही हैं। 17 अक्टूबर को घट स्थापना के साथ ही मां दुर्गा की विधि विधान से पूजा अर्चना शुरू हो जाएगी। 25 अक्टूबर को पारण के साथ ही नवरात्रि का समापन हो जाएगा। आप भी इस वर्ष नवरात्रि व्रत रहने वाले हैं और मां दुर्गा के बीज मंत्रों का जाप करना चाहते हैं तो आपको नवरात्रि की तिथियों के बारे में जानकारी होनी चाहिए। आइए जानते हैं कि किस दिन किस देवी की पूजा होगी और किस बीज मंत्र (mantra) का जाप होगा।
मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाएगी और उनके बीज मंत्र का जाप किया जा सकता है।
मां चंद्रघंटा की विधिविधान से पूजा होगी तथा उनके बीज मंत्र का जाप शुद्धता के साथ कर सकते हैं।
मां दुर्गा के चतुर्थ अवतार मां कुष्मांडा की पूजा की जाएगी और उनके बीज मंत्र का जाप होगा।
स्कंदमाता की विधिपूर्वक आराधना की जाएगी और उनके बीज मंत्र का जाप हो सकता है।
नवरात्रि की षष्ठी तिथि को मां कात्यायनी की पूजा होगी। इस दौरान मां कात्यायनी के बीज मंत्र का जाप हो सकता है।
नवरात्रि की सप्तमी तिथि को मां कालरात्रि की पूजा की जाएगी। मां कालरात्रि के बीज मंत्र का जाप करना इस दिन उत्तम होता है।
इस नवरात्रि अष्टमी और महानमी एक ही तारीख को है। अष्टमी को मां महागौरी तथा महानवमी को मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। ऐसे में आप महागौरी तथा मां सिद्धिदात्री के बीज मंत्रों का जाप इस दिन कर सकते हैं।
नवरात्रि की सप्तमी तिथि को मां कालरात्रि की पूजा की जाएगी। मां कालरात्रि के बीज मंत्र का जाप करना इस दिन उत्तम होता है।
इस नवरात्रि अष्टमी और महानमी एक ही तारीख को है। अष्टमी को मां महागौरी तथा महानवमी को मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। ऐसे में आप महागौरी तथा मां सिद्धिदात्री के बीज मंत्रों का जाप इस दिन कर सकते हैं।
इस दिन पारण के साथ नवरात्रि का व्रत पूर्ण होगा। विजयदशमी और दशहरा मनाया जाएगा। समापन वाले दिन हवन भी किया जाता है।
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