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-Arti Pandey
चंडीगढ़।
लाईसेंस होने के बावजूद सेक्टर ४२ में पटाखों की दुकान सील करने के मामले में पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने यूटी प्रशासन और एसडीएम साऊथ को जमकर फटकार लगाई। चीफ जस्टिस कृष्ण मुरारी ने कहा कि कैसे बिना नोटिस दिए और पक्ष सुने किसी की दुकान को सील किया जा सकता है। ऐसे तो कल मेरे घर को भी सील कर दो गे, क्या कानूनी प्रक्रिया भूल गए हैं एसडीएम।
मामले में याचिका दाखिल करते हुए संजीव कुमार ने बताया कि वह करियाना की दुकान चलाता है और एक्सप्लोजिव सेफ्टी ऑर्गेनाईजेशन से पटाखों का लाईसेंस भी लिया है। २३ अक्तूबर को अचानक उसकी दुकान पर एसडीएम साऊथ पहुंचे और उन्होंने सारे पटाखों को कब्जे में लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी। इस बीच याची ने उन्हें लाईसेंस दिखाया लेकिन उन्होंने इसे देखा तक नहीं। वह अपनी कार्रवाई में लगे रहे और दुकान का एक हिस्सा सील कर दिया। याची ने इस आदेश की प्रति मांगी लेकिन उसे यह प्रति भी उपलब्ध नहीं करवाई गई।
२५ अक्तूबर को वे एसडीएम कार्यालय में पहुंचे लेकिन उनसे मिलने से मना कर दिया गया। इसके बाद डीसी कार्यालय पहुंचे लेकिन उसका भी कोई लाभ नहीं हुआ। इसके चलते याची ने हाईकोर्ट की शरण ली। चीफ जस्टिस कृष्ण मुरारी तथा जस्टिस अरूण पल्ली की खंडपीठ के समक्ष मामला पहुंचा तो हाईकोर्ट ने यूटी प्रशासन को फटकार लगाते हुए कहा कि कैसे बिना तय कानूनी प्रक्रिया का पालन किए किसी की दुकान सील की जा सकती है। अधिकारियों का रवैया ऐसा है तो कल वो हमारी कोठी भी सील कर देंगे और वह भी बिना नोटिस के। कोर्ट ने कहा कि यदि याचिका में बताई गई बात सही साबित हुई तो एसडीएम मुश्किल में फंस जाएंगे। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने यूटी प्रशासन व एसडीएम को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है और याचिका लंबित रहते दुकान को सील करने के आदेश दिए हैं।
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