RAHUL PANDEY
यूपी सरकार (UP SARKAR) ने अध्यापक पात्रता परीक्षा के प्रमाणपत्र को आजीवन के वैध कर दिया है. यूपी (Uttar Pradesh) में अबतक टीईटी का सर्टिफिकेट सिर्फ पांच साल के लिए मान्य था. जिसे अब अभ्यार्थी के पूरे जीवन के लिए मान्य कर दिया गया है. प्राइमरी और जूनियर स्कूलों यानी क्लास एक से लेकर आठ तक पढ़ाने वाले शिक्षकों के लिए टीईटी अनिवार्य होता है.
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केंद्र के आदेश के अनुसार 2011 में पास हुए कैंडिडेट्स से यह लागू होगा. राज्य सरकार या केंद्र शासित प्रशासन टीईटी की वैलिडिटी को पुनर्निधारित करने और नए TET सर्टिफिकेट जारी करने के लिए कदम उठाएंगे. यूपी में टीईटी को आजीवन वैधता मिलने से कई अभ्यर्थियों का फायदा होगा.
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बता दें कि उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में जुलाई 2011 में निशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार कानून लागू होने के बाद पहली बार 2011 नंवबर में यूपी बोर्ड ने टीईटी एग्जाम कराया था. 2013 के बाद से परीक्षा लगातार हो रही है. टीईटी सर्टिफिकेट को आजीवन वैधता मिलने से पहले हर कैंडिडेट दो से तीन साल में एग्जाम देता था.
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