RAHUL PANDEY
बेशकीमतीन जमीनों को कब्जाने के लिए माफिया क्या क्या जुगत लगाने में लग गए हैं, वह इस केस से पता चलता है। सालों पुराने जाली कागज तक प्रशासन (Administration) को उपलब्ध करा दिए गए लेकिन अपर उपजिलाधिकारी सदर राजेश कुमार ने भू माफिया के मंसूबों को ध्वस्त कर दिया। मामला पनकी के कपिली गांव का है।
यहां मिल डे मील बनाने के लिए अक्षय पात्र फाउंडेशन को जमीन दी गई है। भू माफियों ने इसके ही जाली कागज बनाकर इसपर कब्जे की तैयारी कर रखे थे। इसकी कीमत करीब 22 करोड है, फर्जी खतौनी तक इन सबने बनाकर खुद को मालिक बता रहे थे। मामला अपर एसडीएम राजेश कुमार (Additional SDM Rajesh Kumar) के पहुंचा तो दस्तावेज फर्जी होने के चलते खारिज कर दिया। अपर उपजिलाधिकारी सदर राजेश कुमार ने बताया कि अक्षय पात्र को दी गई जमीन को हडपने की पूरी योजना थी, इसलिए फर्जी खतौनी तैयार करके दस्तावेज पेश किए गए। जांच में जमीन उसर व मालिक केडीए निकला है। इनके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई जाएगी।
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2019 में कपिली गांव में आराजी 311 की 17 बीघा 16 बिस्वा जमनी केडीए ने अक्षय पात्र फाउंडेशन को 70 लाख रुपए डेवलपमेंट शुल्क लेकर आवंटित की गई थी। अक्षय पात्र फाउंडेशन ने प्रोजेक्ट शुरू किया तो झब्बू उर्फ झबुआ के बेटे रामबाबू रामबहादुर व रामऔतार ने विरोध किया। अपर उपजिलाधिकारी सदर की कोर्ट में जमीन पिता की बताकर 2020 में फर्जी दावा किया गया था। जब कोर्ट ने दस्तावेजों की जांच की तो बड़ा खुलासा हुआ। झबुआ पुत्र होरी लाल ने 1348 फसली और 1374 से 1376 फसली के दस्तावेजों में हेरफेर करके फर्जी खतौनी तैयार की, सभी दस्तावेज फर्जी लगाकर खुद को जमीन का मालिक बता दिया है। कोर्ट ने तीनों के दावे को खारिज करके रिपोर्ट दर्ज कराने का आदेश दिया है। केडीए चकबंदी में दर्ज फर्जी नाम को खारिज कराने के लिए कार्रवाई करेगा।
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तहसील के दस्तावेजों में सेंध
कपिली गांव का मालिकाना हक केडीए के पास है। केडीए ने ही जमीन आवंटित की। इसके बावजूट तहसील के दस्तावेजों में सेंध लगाकर की खतोनी तैयार कर ली गई। वह भी सबसे पुराने दस्तावेजों में किया गया। तहसील के अफसरों व कर्मचारियों को भनक तक नहीं लगी करोड़ों की जमीन को हड़पने की तैयारी इतना ही नहीं चकबंदी के दस्तावेजो में भी खेल किया गया।