Allahabad HC judge : ‘मुझे यह कहने में कोई हिचक नहीं है कि यह हिंदुस्तान है और यह देश यहां रहने वाले बहुसंख्यकों की इच्छा से चलेगा।’ लेकिन, यह जो कठमुल्ला हैं, यह सही शब्द नहीं है।
लेकिन कहने में परहेज नहीं है, क्योंकि वह देश के लिए बुरा है। घातक है। देश के खिलाफ है। जनता को भड़काने वाले लोग हैं। देश आगे न बढ़े, ऐसा सोचने वाले लोग हैं। उनसे सावधान रहने की जरूरत है। ये बातें इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस (Allahabad high court Judge) शेखर कुमार यादव ने रविवार को प्रयागराज में विश्व हिंदू परिषद (VHP) की लीगल सेल के एक कार्यक्रम में कही।
जस्टिस शेखर ने कहा कि मुझे यह कहने में कोई गुरेज नहीं है कि हिंदुस्तान देश के बहुसंख्यकों के हिसाब से चलेगा। यह कानून है। मैं यह बात हाई कोर्ट के जज के तौर पर नहीं बोल रहा। आप अपने परिवार या समाज को ही लीजिए कि जो बात ज्यादा लोगों को मंजूर होती है, उसे ही स्वीकार किया जाता है।
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जस्टिस शेखर ने और क्या कहा?
उनसे सहिष्णु और दयालु होने की उम्मीद कैसे कर सकते हैं?
लाइव लॉ के मुताबिक, जस्टिस शेखर कुमार यादव ने पहली बार इस तरह किसी सार्वजनिक मंच से बयान दिया। उन्होंने कहा कि हमारे देश में हमें सिखाया जाता है कि छोटे से छोटे जानवर को भी नुकसान न पहुंचाएं, चींटियों को भी न मारें और यह सीख हमारे अंदर समाई हुई है। हमारी संस्कृति में बच्चे वैदिक मंत्र और अहिंसा की सीख के साथ बड़े होते हैं। शायद इसीलिए हम सहिष्णु और दयालु हैं।
जब दूसरे पीड़ित होते हैं, तो हमें दर्द होता है, लेकिन कुछ अलग संस्कृति में, छोटी उम्र से ही बच्चों को जानवरों के वध के बारे में बताया जाता है। इससे उनके अंदर दया और सहिष्णुता का भाव ही नहीं रहता। आप उनसे सहिष्णु और दयालु होने की उम्मीद कैसे कर सकते हैं? (Allahabad high court)
तीन तलाक के अधिकार का दावा नहीं कर सकते
मुस्लिम समुदाय का नाम लिए बगैर जस्टिस शेखर यादव ने कहा, आप उस महिला का अपमान नहीं कर सकते, जिसे हमारे शास्त्रों और वेदों में देवी की मान्यता दी गई है। आप चार पत्नियां रखने, हलाला करने या तीन तलाक के अधिकार का दावा नहीं कर सकते। अगर आप कहते हैं कि हमारा पर्सनल लॉ इसकी अनुमति देता है, तो इसे स्वीकार नहीं किया जाएगा। आप कहते हैं, हमें तीन तलाक देने और महिलाओं को भरण-पोषण न देने का अधिकार है, लेकिन यह अधिकार काम नहीं करेगा।
फिलहाल, जस्टिस यादव अपने बयान के बाद सुर्खियों में आ गए हैं। तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा, नगीना से सांसद चंद्रशेखर आजाद ने इस बयान की आलोचना की है। वहीं, भाजपा विधायक शलभ मणि त्रिपाठी ने वीडियो शेयर करते हुए उनकी तारीफ की।