#HIGHCOURT : कोरोना संक्रमण की रोथथाम के उपायों की मॉनिटरिंग कर रहे इलाहाबाद हाईकोर्ट (HIGH COURT) ने प्रदेश के पांच जिलों में संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए वहां के डीएम (DM) और एसएसपी (SSP) से जवाब तलब किया है। कोर्ट (COURT) ने लखनऊ कानपुर नगर (KANPUR CITY) गाजियाबाद मेरठ और गौतम बुद्ध नगर के प्रशासन व पुलिस प्रमुखों को हलफनामा दाखिल बताने को कहा है कि संक्रमण की रोकथाम के लिए उनके जिलों में क्या प्रयास किए जा रहे हैं।
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कोर्ट ने प्रदेश सरकार (State government) को भी इन जिलों के स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर कदम उठाने का निर्देश दिया है। प्रदेश सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता ने बताया कि राज्य के 75जिलों में से 37 जिलों की ड्रोन कैमरों से निगरानी की जा रही है। प्रयागराज में दो ड्रोन 21 इलाकों की निगरानी कर रहे है। जबकि चार ड्रोन मरम्मत के लिए मुंबई भेजे गए हैं।
खुले में खाद्य पदार्थ न बेचे जाने के मामले में कोर्ट को बताया गया कि खाद्य पदार्थों की बिक्री करने वाले 729 लोगों ने नियमों के पालन का लिखित आश्वासन दिया है। जिस पर एडवोकेट कमिश्नर ने आपत्ति की कि मौके पर नियमों का पालन नहीं हो रहा ।लोग दुकानों पर ही खा रहे है।दुकानदार पैक खाना नही दे रहे है। कोर्ट ने पैक्ड फूड ही बेचने के नियम का सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया है।
जनहित याचिका की सुनवाई कर रही न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा तथा न्यायमूर्ति अजित कुमार की खंडपीठ ने लखनऊ मेरठ गाजियाबाद कानपुर नगर एव गौतम बुद्ध नगर में बढ़ते संक्रमण पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि संक्रमण बढ़ने से स्पष्ट है कि पुलिस ठीक से काम नही कर रही है। इन जिलों मे सौ फीसदी मास्क पहनना लागू किया जाए।जिले में बाहर से आने वालो की जांच हो।मेडिकल सुविधाएं और जांच बढ़ाई जाए। अगली सुनवाई के दिन जांच व स्वस्थ होने की दर की जानकारी कोर्ट को दी जाए। कोर्ट ने मुख्य सचिव को कोरोना (CORONA) संक्रमण रोकने के उपायों की जानकारी देने को कहा है।
कोर्ट ने स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल प्रयागराज मे कोविड मरीजों का अलग गेट बनाने में धन की कमी पूरी करने के निर्देश का पालन न करने पर नाराजगी जाहिर की और कहा है कि तीन दिन में फंड उपलब्ध कराए या महानिदेशक चिकित्सा व स्वास्थ्य तथा अपर मुख्य सचिव चिकित्सा शिक्षा कोर्ट में 10 दिसंबर को हाजिर हो।
कोर्ट से नियुक्त एडवोकेट कमिश्नरों ने विभिन्न वार्डों की रिपोर्ट देकर सफाई न होनेएस्ट्रीट लाइट बंद रहनेएकूड़ा न उठाए जाने जैसी कई शिकायतें की।कोर्ट ने नगर आयुक्त को इन शिकायतों को व्यक्तिगत रूप से देखने के लिए कहा है। प्रयागराज विकास प्राधिकरण व प्रयागराज स्मार्ट सिटी लिमिटेड की तरफ से हलफनामे दाखिल किये गए। पी डी ए ने अतिक्रमण हटाने की जानकारी दी। कोर्ट ने कार्यवाही रिपोर्ट मांगी है। याचिका की सुनवाई 10दिसंबर को होगी।
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