खामोशी से छिपकर बढ़ा रहा खतरा
#coronavirus symptoms : दुनिया को कोरोना संक्रमण के लक्षण पता है। इसमें खांसी-जुकाम से लेकर डायरिया व सूंघने की क्षमता तक कम हो जाती है। साथ ही बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं जिनमें किसी तरह का लक्षण दिखाई ही नहीं दिया।
ब्लूमबर्ग के अनुसार भारत में इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) का कहना है कि 20 से 60 साल की उम्र के संक्रमितों में लक्षण दिखने में समय लग रहा है। 40 फीसद मामले तो कोरोना जांच के बाद ही पकड़े जा रहे हैं। ऐसे में स्पष्ट है कि साइलेंट पेशेंट या शांत मरीज ही कोरोना संक्रमण को अनजाने में फैला रहे हैं।
चीन और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) का दावा था कि ऐसे केस अपवाद हैं। बाद में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने अपने शोध में बताया कि लगभग एक चौथाई कोरोना संक्रमितों में कोई लक्षण नहीं दिखाई दिया, जबकि अब अमेरिकी के कम्यूनिटी डिजीज सेंटर (सीडीसी) का अध्ययन बताता है कि 80 फीसद लोगों में तो पहले माह में कोई लक्षण दिखा ही नहीं।
घातक साबित हुए साइलेंट
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने शोध में दावा किया कि मार्च तक फैले संक्रमण के लिए बड़ी जिम्मेदारी साइलेंट पेशेंट (बिना लक्षणों वाले मरीज) की है। कम से कम आधे मरीज साइलेंट पेशेंट के कारण संक्रमित हुए। अमेरिका का भी मानना है कि संक्रमण फैलाने में बड़ी हिस्सेदारी साइलेंट पेशेंट की ही है।
अनजाने में फैलता है संक्रमण
स्पेन में एक व्यक्ति की सर्जरी की गई। उसमें कोरोना का लक्षण नहीं पाया गया था। बाद में हुई जांचों में डॉक्टरों को कोरोना का शक हुआ तो कोरोना की जांच कराई गई। मरीज को कोरोना था। अब सभी डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ क्वारंटाइन किए गए। आपने ऐसे ही किस्से अपने आसपास या प्रदेश में सुन होंगे। हम खांसीजुकाम वाले शख्स से परेशान हो जाते हैं लेकिन, स्वस्थ नजर आने वाले व्यक्ति के कई बार नजदीक चले जाते हैं, हमें लगता है कि वो बिलकुल ठीक है। बस, यह एक जाल साबित होता है।
क्या किया जाए
कोरोना का पीसीआर टेस्ट महंगा है और इसकी किट बहुतायत में नहीं हैं। साथ ही टेस्टिंग में बहुत समय लगता है। एंडीबॉडी टेस्ट की सफलता की उच्चतम दर महज 20 फीसद है। ऐसे में हर व्यक्ति की जांच नहीं हो सकती है। पहला तरीका है रैंडम जांच की जाए। यह तरीका दक्षिण कोरिया ने अपनाया। दूसरा तरीका है लॉकडाउन। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के मुताबिक 49 दिन का लॉकडाउन हो, ताकि साइलेंट पेशेंट का खतरा भी पूरी तरह खत्म हो जाए।