कोविड हेल्प डेस्क की सूची उपलब्ध कराने के भी निर्देश
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रत्येक थाना, चिकित्सालय, राजस्व न्यायालय एवं तहसील, विकास खण्ड तथा जेल में कोविड हेल्प डेस्क की स्थापना करने का निर्देश मंगलवार को दिए।
उन्होंने विशेष सचिव स्तर के अधिकारियों को जनपदों में रहकर स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को बेहतर करने में सम्बन्धित मुख्य चिकित्सा अधिकारी को सहयोग प्रदान करने के निर्देश दिए। साथ ही कहा कि कोविड-19 आपदा काल में इन अधिकारियों द्वारा किए जाने वाले कार्यों का विशेष रूप से मूल्यांकन किया जाएगा।
CM YOGI लोक भवन में बुलाई गई उच्च स्तरीय बैठक में लॉकडाउन हटाने की व्यवस्था की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि कोविड हेल्प डेस्क पर हमेशा एक से दो कर्मी अनिवार्य रूप से उपलब्ध रहें। कोविड हेल्प डेस्क का प्रतिदिन सुबह से शाम तक संचालन किया जाए। निजी अस्पतालों को भी कोविड हेल्प डेस्क की स्थापना के लिए प्रेरित किया जाए। उन्होंने स्थापित किए गए कोविड हेल्प डेस्क की सूची उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए।
योगी ने कहा कि हेल्प डेस्क पर कोविड-19 से बचाव सम्बन्धी सावधानियों के पोस्टर लगाए जाएं ।
कोविड हेल्प डेस्क पर पल्स ऑक्सीमीटर, इंफ्रारेड थर्मामीटर तथा सैनेटाइजर की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।
चिकित्सीय उपकरणों के संचालन के सम्बन्ध में कोविड हेल्प डेस्क पर तैनात कर्मियों को प्रशिक्षित किया जाए। इन कर्मियों को मास्क तथा दस्ताने उपलब्ध कराए जाएं।
योगी ने कहा कि जांच में लगातार वृद्धि की जाए। निगरानी व्यवस्था को और बेहतर करने के निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि इस उद्देश्य के लिए जनपदों में विशेष सचिव स्तर के अधिकारी भेजे जा रहे हैं।
सर्विलांस कार्य को सुदृढ़ करने से जांच बढ़ाने में मदद मिलेगी। उन्होंने स्क्रीनिंग कार्य के लिए अविलंब एक लाख से अधिक टीम गठित करने के निर्देश दिए ।
उन्होंने कहा कि टीम के द्वारा प्रत्येक व्यक्ति की हर सप्ताह नियमित तौर पर जांच की जाए। टीम के सदस्यों को मास्क, दस्ताने एवं सैनेटाइजर उपलब्ध कराया जाए।
प्रोटोकॉल का पूर्ण पालन करते हुए उपचार
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड चिकित्सालयों में बेड की संख्या बढ़ाने के लिए निरन्तर प्रयास किए जाएं। कोविड तथा गैर कोविड अस्पतालों में प्रोटोकॉल का पूर्ण पालन करते हुए उपचार किया जाए ।
अस्पतालों में साफ-सफाई की बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
चिकित्सालय में भर्ती मरीजों की नियमित देखरेख की जाए। उन्होंने चिकित्सा कर्मियों को संक्रमण से सुरक्षित रखने के लिए प्रशिक्षण दिए जाने पर विशेष बल दिया ।
उन्होंने कहा कि रेडियो तथा टेलीविजन के माध्यम से कोविड-19 से बचाव के सम्बन्ध में जागरुकता फैलाने का निरन्तर प्रचार-प्रसार किया जाए। सार्वजनिक उद्घोषणा प्रणाली का उपयोग करते हुए लोगों को मास्क लगाने, शारीरिक दूरी बनाए रखने तथा संक्रमण के लक्षणों आदि के बारे में जागरुक किया जाए।