तीन अलग-अलग जोन में बांटने का काम किया है
#लॉकडाउन कोरोना : भारत में इस महामारी को देखते हुए लॉकडाउन lockdown news लगाया गया है। वहीं कुछ राज्यों ने अपने यहां पर एहतियातन ऐसे जिलों को सील किया है जहां से कोरोना वायरस coronavirus के सबसे अधिक मामले सामने आए हैं। इसके अलावा राज्य सरकारें जहां जहां से इस तरह के मामले सामने आ रहे हैं उन्हें घेरे में लेकर उन्हें सील कर रही है या फिर दूसरे जरूरी उपाय कर रही हैं।
राज्य सरकारों ने जिलों में मामले की गंभीरता को देखते हुए इन्हें तीन अलग-अलग जोन में बांटने का काम किया है। इसकी सबसे बड़ी वजह इन्हें प्राथमिकता देना और पूरी निगरानी रखना है। इसके अलावा जोन में बांटने से इनकी पहचान करना भी आसान होता है। जिन जोन में जिलों को बांटा गया है वो ग्रीन, रेड और ओरेंज हैं।
ग्रीन जोन
- इस जोन का अर्थ संक्रमण मुक्त है।
- यहां पर प्रशासन लॉकडाउन के दौरान जरूरी चीजों को खरीदने के लिए लोगों को घर से बाहर निकलने की इजाजत दे सकता है। हालांकि इस दौरान कहीं भी भीड़ इकट्ठा होने या सोशल डिस्टेंसिंग की बात माननी जरूरी है।
- ऐसा न करने वालों पर प्रशासन कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र है।
- आपको यहां पर ये भी बता दें कि जिलों में डीएम अपने विवेक का इस्मेमाल करते हुए प्रतिबंधों के बाबत कुछ फैसले ले भी सकता है।
- ग्रीन जोन के अंदर भी जिन लोगों को क्वारंटाइन में रखा जाएगा उन्हें किसी भी तरह के मेल जोल की इजाजत नहीं होती है।
ओरेंज जोन
- इस तरह के जोन में वो इलाके या जिले आते हैं जहां से संक्रमण के कुछ मामले निकलकर सामने आते हैं। प्रशासन यहां पर जरूरी उपाय कर लॉकडाउन, सील करने जैसे या दूसरे एहतियाती कदम उठा सकता है।
- इस जोन में संक्रमण वाले इलाकों को छोड़कर अन्य इलाकों में पाबंदियों में कुछ ढील दी जा सकती है।
- इसमें लोगों को जरूरी सामान की खरीद के लिए घर से बाहर निकलने की छूट शामिल है।
- इसके लिए प्रशासन चाहे तो समय सीमा भी निर्धारित कर सकता है।
रेड जोन
- ये जोन सबसे खतरनाक है।
- इसका अर्थ है कि यहां पर संक्रमण की चपेट में कई लोग आ चुके हैं और इसके बढ़ने या यहां की वजह से कहीं दूसरी जगह संक्रमण के बढ़ने की आशंका काफी अधिक है।
- ऐसे में इसको रेड जोन में शामिल कर यहां रहने वाले लोगों पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी जाती है।
- यहां के लोगों को घरों से बाहर निकलने की छूट नहीं दी जाती है। किसी आपात स्थिति में व्यक्ति केवल हेल्पलाइन पर फोन कर अपनी बात रख सकता है।
- इसके बाद प्रशासन अपने हिसाब से उसकी मदद करेगा। इस तरह के जोन में प्रशासन जरूरी चीजों की सप्लाई का जिम्मा अपने हाथों में लेता है।
- इस तरह के जोन में लोगों पर बेहद सख्त पहरा लगाया गया होता है और इसकी अवहेलना करने वालों पर कठोर कार्रवाई की जाती है।
आपको बता दें कि हरियाणा का गुरुग्राम, फरीदाबाद, नूंह और पलवल को को इसी तरह के रेड जोन की श्रेणी में रखा गया है। इसी तरह से महाराष्ट्र में भी मुंबई, पुणे को रेड जोन घोषित किया गया है। दिल्ली में अब तक 43 रेड जान हैं। इन रेड जोन को हॉट स्पॉट भी कहा जाता है