Cultural Marriage Customs: सनातन धर्म अपनी पूजा-पाठ और कई तरह की मान्यताओं को लेकर जाना जाता हैं। पत्नी को पति की अर्धांगिनी और वामांगी माना जाता है, जिसे वह कदम-कदम पर साबित भी करती है। Cultural Marriage Customs
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हालांकि इसके पीछे की वजह देवों के देव महादेव और देवी पार्वती से जुड़ी हुई है, तो आइए जानते हैं कि आखिर शादी के बाद पत्नी को पति का वाम अंग (Symbolic Meaning Of Vaam Ang) क्यों कहा जाता है?
पत्नी को वामांगी क्यों कहा जाता है? (Wife As Vaam Ang Of Husband)
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान शिव को अर्धनारीश्वर कहा जाता है और वाम भाग शक्ति का स्वरूप है, जिस वजह से स्त्री को वामांगी कहा गया है। इसका अर्थ होता है, बाएं अंग का अधिकारी। चली आ रही मान्यताओं के अनुसार, शादी के बाद पत्नि हमेशा अपने पति के बाईं ओर बैठती हैं। लेकिन कुछ कार्य ऐसे भी हैं, जिसमें वह दाईं ओर बैठती हैं, जैसे धार्मिक अनुष्ठानों (Cultural Marriage Customs) आदि। कहते हैं कि सिंदूरदान, द्विरागमन, आशीर्वाद लेते समय व भोजन के समय महिला को अपने पति के बायीं ओर ही रहना चाहिए।
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इसके अलावा यज्ञ, कन्यादान, विवाह आदि कार्यों को पुरुष प्रधान माना गया है, इसलिए इन कर्मों में पत्नी को दायीं ओर बैठने की सलाह दी जाती है।
महिलाओं को क्यों कहा जाता है अर्द्धांगिनी? (Why are women called Ardhangini?)
आपको बता दें कि हिंदू धर्म में पत्नी को पति की अर्द्धांगिनी कहा जाता है, क्योंकि वह अपने पति के जीवन के सभी सुख-दुख, या किसी भी तरह का काम हो उसमें बराबरी से साथ देती है। इसके साथ ही जीवन संगिनी बनकर पति के दायित्वों की पूरे समर्पण के साथ निभाती है।
पत्नी-पति का रिश्ता एक दूसरे के बिना पूरी तरह अधूरा रहता है। इसलिए सनातन धर्म में पत्नी को पति की अर्द्धांगिनी कहा गया है।
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