DEEPFAKE VIDEO : उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में डीपफेक (DEEPFAKE) का सबसे घिनौना स्वरूप सामने आया है। AI जनित डीपफेक से उगाही का खेल शुरू किए जाने का यह पहला केस है। वीडियो की जांच में पता चला किया वीडियो में दिखने वाले आईपीएस अधिकारी पूर्व एडीजी प्रेम प्रकाश (IPS Prem Prakash ) थे।
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पीडित को यह समझ में नहीं आया कि वरिष्ठ अधिकारी क्यों धमकाएगा और उगाही करेगा? इसके बाद उन्होंने गाजियाबाद पुलिस से संपर्क किया। देश में पहली बार डीपफेक के इस्तेमाल से सीनियर सिटीजन से उगाही का मामला दर्ज कराया गया है। अतिरिक्त डीसीपी (अपराध और साइबर) सचिदानंद ने बताया कि यह गाजियाबाद में दर्ज होने वाला पहला ऐसा मामला है। उन्होंने कहा कि हमने मामले को सुलझाने के लिए एक टीम बनाई है। DEEPFAKE VIDEO
छवि बचाने के लिए जाल में फंसे वरिष्ठ नागरिक
AI से बनाए जाने वाले डीपफेक के खतरे अब सामन आने लगे हैं। अपराधियों ने एक वरिष्ठ नागरिक से उगाही करने के लिए यूपी पुलिस के एक रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी के चेहरे और आवाज वाला एक वीडियो बनाया। इस वीडियो ने 76 वर्षीय सीनियर सिटीजन को डरा दिया। उन्होंने अपराधियों को बार-बार भुगतान किया। उन्हें लग रहा था कि धमकाने वाले आईपीएस अधिकारी हैं और इस प्रकार का वीडियो सोशल मीडिया पर आने के बाद उनकी छवि को नुकसान हो सकता है। ब्लैकमेलरों की ओर से बनाए गए डीपफेक वीडियो में सीनियर सिटीजन को सेक्स के लिए अनुरोध करता दिखाया गया था। इस वीडियो के जरिए ब्लैमेलर्स ने सीनियर सिटीजन को पुलिस की कार्रवाई की भी धमकी दी गई थी।
पुलिस ने दर्ज किया एफआईआर
वरिष्ठ नागरिक ने डीपफेक ट्रैप में बुरी तरह से फंसने के बाद पुलिस की शरण ली। गाजियाबाद पुलिस ने बुधवार को कहा कि उन्होंने तुरंत एफआईआर दर्ज कर ली है। जांच शुरू कर दी है। एक सीनियर पुलिस अधिकारी ने कहा कि यह देश का पहला मामला है, जिसमें पुलिस डीपफेक की मदद से साइबर फ्रॉड के घातक स्वरूप और नए आयाम तक पहुंचता दिख रही है। डीपफेक के जरिए ऑडियो, वीडियो और फोटो का उपयोग करके गलत तरीके से डिजिटल रूप से बदला जाता है। IPS Prem Prakash
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सुसाइड के लिए कर दिया मजबूर
गाजियाबाद में एआई का इस्तेमाल गलत तरीके से किया जा रहा है। गोविंदपुरम निवासी अरविंद शर्मा भी इस प्रकार के मामले का शिकार हुए। वे एक कंपनी में क्लर्क के रूप में काम करते हैं और अकेले रहते हैं। उन्होंने हाल ही में अपना पहला स्मार्टफोन खरीदा और फेसबुक अकाउंट खोला। 4 नवंबर को जालसाजों ने सबसे पहले फेसबुक वीडियो कॉल के जरिए उनसे संपर्क किया। अरविंद शर्मा ने फोन उठाया, लेकिन दूसरी तरफ एक नग्न महिला को देखकर कुछ ही सेकंड में फोन काट दिया। हालांकि, यह उनके लिए उसे फंसाने के लिए काफी था। एक घंटे बाद उन्हें व्हाट्सएप पर एक और वीडियो कॉल आई। इस बार पुलिस की वर्दी में एक आदमी था, जो उन्हें धमकी दे रहा था। अरविंद शर्मा की बेटी मोनिका ने पुलिस शिकायत में कहा कि वीडियो में वर्दीधारी व्यक्ति ने कहा कि अगर मेरे पिता ने भुगतान नहीं किया तो वह उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि वह मेरे पिता का महिलाओं से बात करने का वीडियो सोशल मीडिया पर जारी करेंगे। इसे परिवार के सदस्यों के साथ भी साझा करेंगे।
5000 रुपये ट्रांसफर कर दिए
ब्लैकमेलर्स के व्हाट्सएप कॉल से अरविंद शर्मा अपनी छवि से चिंतित थे। उन्हें डर था कि इससे उन्हें बहुत शर्मिंदगी होगी। उन्होंने ब्लैकमेलर्स की ओर से दिए गए बैंक खाता नंबर पर 5000 रुपये ट्रांसफर कर दिए। मोनिका ने कहा कि जिस कंपनी में वह काम करते हैं, वहां से उन्होंने कर्ज भी लिया। मोनिका ने पुलिस को बताया कि आरोपी ने पिछले हफ्ते अधिक पैसे की मांग की, जिससे उसके पिता मानसिक रूप से परेशान हो गए और आत्महत्या का विचार कर रहे थे। 74,000 रुपये का भुगतान करने वाले अरविदं शर्मा ने आखिरकार इस मामले को अपने परिवार को बताया, जिन्होंने बाद में यह पता लगाने के लिए गूगल पर खोज की कि आईपीएस अधिकारी कौन है?
आईजीआरएस पर मिली शिकायत
कविनगर एसीपी अभिषेक श्रीवास्तव ने कहा कि उन्हें एकीकृत शिकायत निवारण प्रणाली (आईजीआरएस) पर शिकायत मिली। मंगलवार को आईटी अधिनियम के तहत मामला दर्ज करने से पहले सीनयर सिटीजन से संपर्क किया गया। एसीपी ने कहा कि हम मामले को सुलझाने के लिए साइबर सेल की मदद ले रहे हैं। हमने फोरेंसिक विश्लेषण के लिए वीडियो के साथ विवरण भेजा है। बैंक लेनदेन सहित अन्य जानकारी पर गौर किया जा रहा है। वीडियो को करीब से देखने पर पता चलता है कि आवाज और होठों की हरकत एक साथ नहीं हो रही है। वीडियो से मची घबराहट के कारण ऐसा लगता है कि इस पर किसी का ध्यान नहीं गया। अभिषेक श्रीवास्तव ने कहा कि पुलिस अपराधियों की ओर से इस्तेमाल किए गए अकाउंट का विवरण प्राप्त करने के लिए फेसबुक और व्हाट्सएप की मूल कंपनी मेटा को भी लिखेगी।
IPS Prem Prakash ने भी डीपफेक का बताया मामला
IPS प्रेम प्रकाश ने कहा कि उन्हें बुधवार को डीपफेक वीडियो के बारे में पता चला। उन्होंने कहा कि कुछ जालसाजों ने लोगों से उगाही करने के लिए उनके नाम से एक फेसबुक अकाउंट भी बनाया था। एडीजी प्रेम प्रकाश ने कहा कि मैंने देखा है कि साइबर अपराध के अधिकांश पीड़ित पुलिस को मामले की रिपोर्ट नहीं करते हैं। लोगों को शिकायत दर्ज करनी चाहिए। वे इसे राष्ट्रीय साइबर अपराध हेल्पलाइन (National Cyber Crime Helpline) नंबर- 1930 पर भी रिपोर्ट कर सकते हैं। इस प्रकार के मामले ने हर किसी को परेशान कर दिया है। एआई के गलत उपयोग को लेकर अब स्ट्रैटेजी तैयार की जाने लगी है।