Dev Diwali 2024: धार्मिक मत है कि कार्तिक पूर्णिमा (Kartika Purnima) तिथि पर भगवान शिव की पूजा करने और संध्याकाल में गंगा आरती करने से व्यक्ति के सभी दुख दूर हो जाते हैं। इसके साथ ही मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। Dev Diwali 2024
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सनातन शास्त्रों में निहित है कि कार्तिक पूर्णिमा तिथि पर देवों के देव महादेव ने त्रिपुरासुर नामक राक्षस का वध कर त्रिलोक की रक्षा की थी। इस उपलक्ष्य पर देवताओं ने बाबा की नगरी में दीप जलाकर दीपोत्सव मनाया था। ज्योतिषियों की मानें तो देव दीपावली (Dev Diwali 2024) पर दुर्लभ भद्रावास योग समेत कई मंगलकारी योग बन रहे हैं। इन योग में भगवान शिव की पूजा करने से व्यक्ति को अक्षय फल की प्राप्ति होगी।
शुभ मुहूर्त
कार्तिक पूर्णिमा 15 नवंबर को सुबह 06 बजकर 19 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, 16 नवंबर को देर रात 02 बजकर 58 मिनट पर कार्तिक पूर्णिमा तिथि का समापन होगा । प्रातः काल में कार्तिक पूर्णिमा तिथि शुरू होने के चलते 15 नवंबर को ही कार्तिक पूर्णिमा मनाई जाएगी। देव दीपावली को पूजा और आरती का समय संध्याकाल 05 बजकर 10 मिनट से लेकर 07 बजकर 47 मिनट तक है।
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भद्रावास योग
ज्योतिष भद्रावास योग को शुभ मानते हैं। इस योग में भगवान शिव की पूजा करने से साधक को अमोघ फल की प्राप्ति होती है। साथ ही सभी प्रकार के दुख एवं संकट दूर हो जाते हैं। देव दीपावली पर भद्रावास योग शाम 04 बजकर 37 मिनट तक है। इस समय तक भद्रा स्वर्ग लोक में रहेंगी। शास्त्रों में निहित है कि भद्रा के पाताल और स्वर्ग लोक में रहने के दौरान पृथ्वी पर उपस्थित समस्त जीवों का कल्याण होता है।
वरीयान योग
ज्योतिषीय गणना के अनुसार, देव दीपावली पर वरीयान योग का मंगलकारी संयोग बन रहा है। इस योग का निर्माण देर सुबह 07 बजकर 31 मिनट से हो रहा है। इस योग में शिव-शक्ति की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होगी। साथ ही घर में सुख, समृद्धि एवं खुशहाली आती है।
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करण
देव दीपावली पर बव करण का भी निर्माण हो रहा है। इस करण का निर्माण संध्याकाल 04 बजकर 38 मिनट से हो रहा है। वहीं, समापन 16 नवंबर को देर रात 02 बजकर 58 मिनट पर होगा। इन योग में शिव-शक्ति की पूजा करने से सकल मनोरथ सिद्ध होंगे।
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