सभी विघ्न बाधा को दूर करें और उसकी मनोकामनाओं को पूर्ण करें
#GaneshChaturthi : 02 सितंबर से 12 सितंबर तक चलने वाले गणेशोत्सव में हर कोई गणपति बप्पा को प्रसन्न करना चाहता है, ताकि बप्पा उसके जीवन के सभी विघ्न बाधा को दूर करें और उसकी मनोकामनाओं को पूर्ण करें। गणेश चतुर्थी या विनायक चतुर्थी के समय गणपति के पूजन में हम सब को कुछ सावधानियां बरतनी होती हैं। अगर हम उन बातों का ध्यान नहीं रखें तो भगवान गणेश नाराज हो जाएंगे । ऐसे ही हम पूजा के दौरान गणेश जी को उनके पसंद की चीजें अर्पित करें तो वे जल्द प्रसन्न होंगे और हमारी इच्छाओं की पूर्ति कर देंगे।
गणेश चतुर्थी के पूजन में हमें किन बातों का ध्यान रखना चाहिए और कौन सी गलतियां नहीं करनी चाहिए…
क्या न करें
- गणपति के पूजन में गलती से किसी भी व्यक्ति को नीले और काले वस्त्र धारण नहीं करने चाहिए।
- यदि गणपति की मूर्ति के पास अंधेरा है तो उनकी मूर्ति को स्पर्श न करें। अंधरे में भगवान की मूर्ति को छूना महापाप माना जाता है।
- गजानन को पूजा में कभी भी तुलसी का पत्र अर्पित नहीं करना चाहिए। तुलसी जी ने उन्हें लम्बोदर तथा गजमुख कहा था और उनको शादी का प्रस्ताव दिया था, इससे नाराज होकर गणपति ने उनको श्राप दे दिया था।
- गणेश जी की पीठ का दर्शन भूलकर भी न करें, इससे दरिद्रता आती है।
- घर में बप्पा की नई मूर्ति पूजा में इस्तेमाल करना है तो पूरानी को विसर्जित कर दें। एक साथ दो मूर्ति घर में न रखें।
क्या करें
- गणेशजी को दूर्वा चढ़ाना शुभ और फलदायी होता है। पूजा के समय 21 दूर्वा अर्पित करें। मनोकामनाएं पूर्ण होंगी।
- भगवान गणेश मोदक प्रिय है। दरअसल मोदक एक मुलायम लड्डू है, जो एकदंत गणेश जी प्रेम से खाते हैं। आप इनकी पूजा में मोदक जरूर चढाएं।
- गजानन को लाल रंग के सिंदूर से चोला चढ़ाएं। ऐसा करने से बप्पा प्रसन्न होते हैं। सिंदूर में गौ माता का शुद्ध घी प्रयोग करें। लाल रंग फूल चढाएं तो अच्छा रहता है।
- भौतिक लाभ और समृद्धि की कामना है तो आपको गणेश जी की बाईं सूंड वाली मूर्ति अपने घर में स्थापति करें।
- गणेश जी को जनेऊ पहनाएं। उनकी पूजा तीनों समय की जाती है। यदि ऐसा संभव न हो तो सुबह ही विधि-विधान से उनकी पूजा कर लें। दोपहर और शाम को केवल पुष्प अर्पित कर पूजा कर लें।