घर में सुख-समृद्धि और सौभाग्य बना रहता है…
18 सितंबर से पुरुषोत्तम मास यानी अधिकमास (adhik maas )शुरू हो चुका है। यह 16 अक्टूबर 2020 तक चलेगा। इस पूरे माह विष्णु जी और श्रीकृष्ण की पूजा की जाती है। मान्यता है कि अधिकमास में अगर तुलसी की पूजा की जाए तो घर में सुख-समृद्धि और सौभाग्य बना रहता है। तुलसी का पौधा घर में पवित्रता का प्रतीक होता है। अधिकमास ( adhik maas )की बात करें तो इस दौरान तुलसी की पूजा करना अत्यंत फलदायी माना जाता है। अत: विष्णु जी और श्रीकृष्ण के साथ-साथ अधिकमास में तुलसी पूजन भी करना चाहिए।
आइए जानते हैं कि आखिर क्यों की जाती है तुलसी की पूजा
महत्व…
अधिकमास में अगर तुलसी (TULSI)की पूजा की जाए तो इससे विष्णु जी (vishnu ji)प्रसन्न हो जाते हैं। वहीं, इस दौरान अगर तुलसी का सेवन किया जाए तो व्यक्ति को अनेक चंद्रायण व्रतों के समान फल प्राप्त होता है।
इस मास में स्नान करते समय पानी में तुलसी का पत्ते डाल लें। इसका महत्व भी बहुत अधिक है। मान्यता है कि अगर ऐसा किया जाए तो इससे जल तीर्थ के समान शुद्ध और पवित्र हो जाता है।
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अधिकमास में तुलसी की पूजा करते समय व्यक्ति को तुलसी मंत्र और विष्णु मंत्र ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नम:’ का जाप करते रहता चाहिए।
अधिकमास में अगर आप घर में तुलसी का पौधा लगाते हैं तो यह बेहद शुभ होता है। आप अपने पड़ोसी को तुलसी का पौधा उपहार में भी दे सकते हैं।
घर में शांति बनाए रखने के लिए पुरुषोत्तम मास में तुलसी पूजन जरूर करें। इससे शांति को घर में बनी ही रहती है साथ ही लक्ष्मी जी की कृपा भी सदैव घर पर रहती है। हर शाम तुलसी के आगे दीप अवश्य जलाएं।
इस मास में भगवान विष्णु (vishnu) की पूजा करते समय आपको तुलसी के पत्तो का प्रसाद अवश्य चढ़ाना चाहिए। इससे विष्णु जी प्रसन्न हो जाते हैं।