#ब्रेन ट्यूमर का शुरुआती लक्षण हो सकता है…
पिछले कुछ समय से युवाओं में ब्रेन ट्यूमर और ब्रेन कैंसर के मामले बहुत ज्यादा सामने आ रहे हैं। डॉक्टर्स का कहना है कि इसका सबसे बड़ा कारण तनाव और मोबाइल का ज्यादा इस्तेमाल है। चूंकि ब्रेन ट्यूमर की शुरुआत में सिरदर्द और उल्टी जैसे सामान्य लक्षण दिखाई देते हैं, इसलिए लोग इन्हें नजरअंदाज कर देते हैं। इसका सबसे ज्यादा खतरा 5-8 साल के बच्चों और 40-60 साल के वयस्कों को होता है। मगर पिछले एक दशक में ऐसे हजारों मामले सामने आए हैं जिनमें 15 से 30 साल के युवाओं में भी ब्रेन ट्यूमर के मामले देखे गए हैं। ऐसे में ब्रेन ट्यूमर के शुरुआती लक्षणों को जानना आपके लिए जरूरी है, ताकि समय रहते आपको इस खतरनाक रोग का पता चल जाए और आप इलाज शुरू कर पाएं।
क्या होता है ब्रेन ट्यूमर
जब शरीर के किसी भी अंग में कोशिकाएं (सेल्स) असामान्य रूप से विकसित होकर एक जगह पिंड के रूप में जमा हो जाती हैं, तो इन्हें ट्यूमर कहा जाता है। यही कोशिकाएं जब मस्तिष्क के किसी हिस्से में जमा हो जाती हैं, तो इसे ब्रेन ट्यूमर कहा जाता है। कुछ ब्रेन ट्यूमर कैंसरकारी होते हैं, यानी इनके होने पर व्यक्ति को जल्द ही ब्रेन कैंसर हो जाता है। वहीं कुछ ट्यूमर कैंसरकारी नहीं होते हैं। ये ट्यूमर मरीज की खोपड़ी के अंदर धीरे-धीरे बढ़ते रहते हैं और मस्तिष्क की स्वस्थ कोशिकाओं पर दबाव बनाने लगते हैं। ये मस्तिष्क को नुकसान पहुंचा सकते हैं और ये जीवन को खतरे में डाल सकते हैं।
शुरुआती लक्षण
- सिर में दर्द ब्रेन ट्यूमर के शुरूआती लक्षण में से एक है। इसमें अकसर सुबह उठते ही तेज सिरदर्द शुरू हो जाता है जो दिन में ठीक हो जाता है। झुकने पर और व्यायाम करने पर यह सिरदर्द अधिक हो जाता है।
- ब्रेन ट्यूमर में सुनने में परेशानी होती है। कानों में हमेशा ही कुछ आवाज सुनाई देती रहती है। इसके अलावा कमजोरी, बोलने व चलने में दर्द, मांसपेशियों पर घटता नियंत्रण, दोहरा दिखाई देना और घटती चेतना (सेंसेशन) आदि भी ट्यूमर के कारण हो सकते हैं।
- उल्टी व जी मिचलाना, चक्कर आना, दृष्टि संबंधी तकलीफ, धुंधला दिखाई देना, आंखों की नस (पापिलेडेमा) में सूजन आना भी ब्रेन ट्यूमर का लक्षण है।
- दौरे पड़ना, मांसपेशियों में ऐठन महसूस होना, हाथ या पैर में फड़कन या फिर पूरे शरीर में फड़कन। ऐसे रोगी कभी-कभी बेहोश भी जो जाते हैं।
- ब्रेन ट्यूमर के रोगी की याददाश्त पर भी असर पड़ सकता है। इसके रोगी को चलने में दिक्कत या शरीर के एक भाग में कमजोरी महसूस होती है। बोलने में भी परेशानी होती है।
- बोलेने या किसी शब्द को समझने में कठिनाई। लिखने, पढ़ने या मामूली जोड़ घटाव में परेशानी, कुछ गतिविधियों के संचालन में परेशानी भी इसी का लक्षण है।
क्या है ब्रेन ट्यूमर का इलाज
- ब्रेन ट्यूमर का इलाज अब हमारे देश में संभव है। अगर शुरुआती अवस्था में ही इस रोग का पता चल जाए, तो इलाज आसान हो जाता है और व्यक्ति के मस्तिष्क को कोई नुकसान नहीं पहुंचता है।
- अगर आप लक्षणों को नजरअंदाज करते रहते हैं, तो ये ट्यूमर कैंसर भी बन सकता है।
- आधुनिक तकनीकों और सर्जरी के द्वारा आजकल ब्रेन ट्यूमर का इलाज संभव हो गया है।
- एंडोस्कोपिक एवं माईक्रोस्कोपिक तकनीकों से ट्यूमर का ऑपरेशन सफलता से किया जा सकता है।
- इस तकनीक की मदद से पूरा मस्तिष्क खोले बिना ही ट्यूमर आसानी से निकाला जा सकता है।
- ऑपरेशन के बाद रेडियोथेरेपी और कीमोथेरापी से बचे हुए ट्यूमर को भी नष्ट किया जा सकता है।