ARTI PANDEY
साहब, डीएम साहब के आदेश के चार महीने बाद भी नगर निगम ने हर्जाना नहीं दिया। आखिर इस उम्र में कितनी दफा विभाग के चक्कर काटें। टीवी पर एक नाटक आता था ऑफिस आफिस…. उसमें सरकारी कार्यालयों में किस बेपरवाही से कार्य होता है और पीड़ित को किस तरह एक से दूसरे विभाग दौड़ाया या परेशान किया जाता है, ऐसी घटनाएं दिखाकर कटाक्ष किया जाता था। कुछ ऐसी ही घटना में जवान बेटे की मौत के बाद लाचार पिता के साथ शहर में भी दो सरकारी विभाग दो साल तक ऑफिस… आफिस खेलते रहे। वह तो भला हो जिलाधिकारी विशाख जी (DM VISHAKHA JI) का, जिन्होंने वृद्ध पिता की फरियाद सुनकर मामले का जांच करायी और नगर निगम को क्षतिपूर्ति के आदेश दिए । पीडित गणेश ने बताया कि कई दफा नगर निगम कार्यालय गए पर वहां के बाबू कुछ बता नहीं रहे। कब तक मुआवजा मिलेगा इसका ही इंतजार है। अब डीएम ने संबंधित विभाग के अफसर को 17 जनवरी को तलब किया है।
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क्या था मामला
बिधनू के दीनदायल पुरम निवासी गणेश गुप्ता का परिवार 18 वर्षीय एकलौते बेटे बल्लू पर निर्भर था। बेटा मेहनत मजदूरी करके माता-पिता की देखभाल करता था। 26 जून 2020 को बरसात के दौरान विद्युत पोल में करंट उतरने से चिपक कर बल्लू की मौत हो गई। रोते हुए गणेश गुप्ता ने बताया कि बेटे की कोई गलती नहीं थी, उन्होंने पोल में करंट आने की शिकायत केस्को के अफसरों से की तो उन्होंने नगर निगम को जिम्मेदार ठहरा दिया। नगर निगम के अफसरों के पास फरियाद लेकर पहुंचे तो उन्होंने कहा कि उनकी गलती नहीं है, केस्को के पास जाएं। इस तरह दोनों विभाग के अफसर यहां से वहां दौड़ाते रहे। थक-हारकर पिता ने डीएम कार्यालय में शिकायत दी। डीएम विशाख जी ने मामले की जांच तत्कालीन एसडीएम सदर हिमांशु नागपाल को सौँपी। गलती नगर निगम के मार्ग प्रकाश विभाग की निकली। अब डीएम नगर निगम को पत्र लिखकर पीड़ित को क्षतिपूर्ति दिए जाने का आदेश दिया था।
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खराब स्विच लगाने से हुआ हादसा
तत्कालीन एसडीएम सदर में अपनी जांच रिपोर्ट में बताया कि नगर निगम के अधिशासी अभियंता विद्युत के बयान के अनुसार पोल में कोई भी खराब स्विच नहीं लगाया था, जबकि केस्को के अधिशासी अभियंता ने बताया कि पोल में लगे खराब स्विच के कारण करंट उतरा था। जांच में खराब स्विच से करंट उतरने के कारण दुर्घटना की पुष्टि हुई है। इसके लिए नगर निगम के मार्ग प्रकाश विभाग को दोषी माना गया है।