Etawah जिले ने देश में इतिहास रच दिया है. पहली बार किसी लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) में जिले के 6 लोग एकसाथ सांसद चुने गए हैं. वो भी अलग-अलग जिलों की अलग-अलग लोकसभा सीटों से.
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चुनाव आयोग के मुताबिक इटावा जिले के निवासी Akhilesh Yadav कन्नौज से Dimple Yadav मैनपुरी से, जितेंद्र दोहरे इटावा से, Akshay Yadav फिरोजाबाद से, आदित्य यादव बदायूं से और , Dharmendra Yadav आजमगढ़ से जीतकर संसद पहुंच गए हैं.
इससे पहले भी इस जिले से 4 सदस्य एकसाथ संसद का चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंच चुके हैं. 2014 में जिले के मुलायम सिंह, डिंपल यादव, धर्मेंद्र यादव और अक्षय यादव को अलग-अलग सीटों पर जीत मिली थी.
2019 में भी इस जिले से 4 सांसद बने थे. इस चुनाव में मुलायम सिंह यादव, धर्मेंद्र यादव और प्रेमदास कठेरिया को जीत मिली थी.
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पहली बार चुने गए 6 सांसद, पूरी लिस्ट
1. अखिलेश यादव- समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव इटावा जिले के सैफई के रहने वाले हैं. अखिलेश सपा सिंबल पर इस बार कन्नौज से चुनाव मैदान में थे. इटावा से कन्नौज की दूरी करीब 100 किलोमीटर है.
उन्होंने कन्नौज सीट पर बीजेपी के सुब्रत पाठक को 1 लाख 70 हजार वोटों से हराया है. अखिलेश कन्नौज से पहले भी सांसद रह चुके हैं. कन्नौज सीट पर पिछली बार उनकी पत्नी चुनाव लड़ी थी, लेकिन उन्हें बीजेपी के सुब्रत पाठक ने हरा दिया था.
2. डिंपल यादव- अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल मैनपुरी लोकसभा से चुनाव जीतकर संसद पहुंची हैं. डिंपल 2022 में यहां से उपचुनाव भी जीत चुकी हैं. मैनपुरी मुलायम परिवार का गढ़ माना जाता है. इस बार डिंपल का मुकाबला बीजेपी के कद्दावर मंत्री जयवीर सिंह से था. चुनाव आयोग के मुताबिक डिंपल ने बीजेपी के जयवीर सिंह को 2 लाख 21 हजार वोटों से हराया है. यहां बीएसपी के शिव प्रसाद यादव को 66 हजार मत मिले हैं.
3. अक्षय यादव- सपा के प्रमुख महासचिव राम गोपाल यादव के बेटे अक्षय भी इस बार संसद जाने में कामयाब हो गए हैं. अक्षय फिरोजाबाद सीट से मैदान में थे. यह इटावा के बगल की सीट है.
अक्षय इस सीट से पहले भी सांसद रह चुके हैं, लेकिन 2019 में उन्हें बीजेपी के चंद्रसेन जादौन ने हरा दिया था. अक्षय ने बीजेपी के विश्वदीप सिंह को करीब 89 हजार वोटों से हराया है. अक्षय को 5 लाख 43 हजार वोट मिले हैं.
4. आदित्य यादव- अखिलेश के चचेरे भाई आदित्य यादव भी बदायूं सीट से 18वीं लोकसभा में पहुंच चुके हैं. आदित्य शिवपाल यादव के बेटे हैं और सपा ने उन्हें बदायूं सीट से मैदान में उतारा था.
सपा ने इस सीट पर 2 बार अपना उम्मीदवार बदला. आखिर में यहां से आदित्य टिकट लेने में कामयाब रहे. आदित्य ने बीजेपी के दुर्गविजय सिंह शाक्य को 34 हजार वोटों से हराया है. आदित्य को 5 लाख 18 हजार वोट मिले, जबकि शाक्य को करीब 4 लाख 66 हजार.
5. धर्मेंद्र यादव- मुलायम सिंह के भतीजे धर्मेंद्र यादव भी इस बार सांसदी का चुनाव जीत चुके हैं. धर्मेंद्र सपा सिंबल पर पूर्वांचल की आजमगढ़ सीट से चुनाव लड़ रहे थे. धर्मेंद्र मुलायम के भाई अभयराम यादव के बेटे हैं.
धर्मेंद्र ने बीजेपी के दिनेश लाल यादव को 1 लाख 61 हजार वोटों से हराया है. धर्मेंद्र को इस चुनाव में 5 लाख से ज्यादा वोट मिले हैं. आजमगढ़ सीट भी मुलायम परिवार का गढ़ माना जाता रहा है. यहां से मुलायम और अखिलेश सांसद रह चुके हैं.
6. जितेंद्र दोहरे- इटावा के भरथना तहसील के जितेंद्र दोहरे भी इस बार संसद पहुंच गए हैं. जितेंद्र ने सपा के सिंबल पर इटावा (सुरक्षित) लोकसभा सीट से जीत हासिल की है. 2014 से ही यहां पर बीजेपी का कब्जा था.
जितेंद्र दोहरे ने बीजेपी के रामशंकर कठेरिया को 58 हजार से ज्यादा वोटों से हराया है. कठेरिया मोदी सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं. जितेंद्र को चुनाव में 4 लाख 90 हजार से ज्यादा मत मिले हैं.
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