भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने एक चेतावनी दी है कि अखबार में पकौड़े, समोसे, चाट और अन्य खाने की सामग्री रखकर खाने से कई गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। इससे कैंसर हो सकता है।
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2018 में FSSAI ने इस बारे में एक नियम भी बनाया था। इस नियम के अनुसार, किसी भी ढाबे, ठेले या दुकान पर अखबारों में खाना लपेटना या परोसना पूरी तरह से वर्जित है। लेकिन आज भी लाखों लोग भारत में इस नियम का पालन नहीं करते। खाने के सामान, जैसे पोहा, समोसे, परांठे और कचौड़ी, अभी भी अखबार में ही दिखाई देते हैं, और कभी-कभी लोग इसका विरोध करते हैं।
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अलग-अलग राज्यों में लाखों कॉपी का इस्तेमाल ठेलों पर खाना परोसने टिफिन पैक करने के लिए किया जाता है. जो कि खतरनाक है. इसी के मद्देनजर FSSAI ने देशभर में उपभोक्ताओं और खाद संबंधी सामग्री बेचने वाले विक्रेताओं से खाद्य पदार्थों की पैकिंग, परोसने और भंडारण के लिए समाचार पत्रों का उपयोग तत्काल बंद करने का आग्रह किया गया है.
मुंह के कैंसर से लेकर फेफड़ों के कैंसर तक होने का खतरा
FSSAI यानी फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया के मुताबिक, अखबार की छपाई के लिए इस्तेमाल की जाने वाली स्याही में डाई आइसोब्यूटाइल फटालेट और डाई एन आइसोब्यूटाइल जैसे खतरनाक रसायन मौजूद होते हैं. वहीं अखबार में गर्म खाना रखने से यह स्याही कई बार खाने के साथ चिपक जाती है. जिससे सेहत को नुकसान होता है. शरीर में इन केमिकल्स की ज्यादा मात्रा होने पर मुंह के कैंसर से लेकर फेफड़ों के कैंसर तक होने का खतरा बना रहता है.