इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने अनुदेशकों को निर्धारित से कम मानदेय दिए जाने के मामले में प्रदेश के मुख्य सचिव राजेंद्र प्रसाद तिवारी को कोर्ट (COURT) के आदेश का पालन करने अथवा अगली सुनवाई पर अदालत में हाजिर होने का निर्देश दिया है। कोर्ट में अगली सुनवाई के दिन हाजिर होने का आदेश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति राजीव मिश्र ने भदोही के अनुदेशक आशुतोष शुक्ल की अवमानना याचिका पर दिया है।
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कोर्ट ने कहा कि निर्विवाद रूप से कोर्ट का आदेश जारी हुए एक साल से अधिक समय बीत चुका है। और इस आदेश का पालन नहीं किया गया है। इसपर कोर्ट ने कहा कि आठ दिसंबर तक आदेश का पालन कर मुख्य सचिव हलफनामा दाखिल करे या कोर्ट में हाजिर हो।
कोर्ट ने केंद्र सरकार (central government) द्वारा घोषित मानदेय का भुगतान करने का निर्देश दिया था। जब कि अनुदेशकों का कहना है कि उनको आधे से भी कम मानदेय दिया जा रहा है। हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी पूरा मानदेय नहीं दिया तो अवमानना याचिका दाखिल की गई।
सरकारी अधिवक्ता का कहना था कि हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ राज्य सरकार ने विशेष अपील दाखिल की है। इसलिए सुनवाई अपील तय होने तक टाली जाए। याची के अधिवक्ता ने इसका विरोध करते हुए कहा कि मात्र अपील दाखिल करने से कोर्ट के आदेश का पालन करने से नहीं बचा जा सकता। क्योंकि अपील में कोई अंतरिम आदेश या रोक नहीं लगाई गई है। ऐसे में अवहेलना करना कोर्ट की अवमानना करना है।
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