ARTI PANDEY
जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज (G.S.V.M. Medical College) के प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग में डॉक्टर सीमा द्विवेदी (Dr. Seema Dwivedi) की यूनिट के द्वारा गंभीर स्थिति में आई 13 वर्षीय बालिका जिसके गर्भाशय के मार्ग में डेढ़ लीटर खून इकट्ठा हो गया था, जिसके कारण पूरा योनि द्वार खून से भर कर नाभि तक पहुंच गया था। बहुत ही सफलतापूर्वक जटिल ऑपरेशन करके ना सिर्फ पेट से खून निकाला गया अपितु नीचे से गर्भाशय का द्वार जो बंद था जिसके कारण पेट में ही खून जमा हो रहा था उसे नए सिरे से बनाया गया।
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डॉक्टर सीमा द्विवेदी (Dr. Seema Dwivedi) ने बताया कि एक स्त्री के शरीर में गर्भाशय और योनि द्वार के विकास में विकार कई प्रकार की स्थितियां उत्पन्न करते हैं। किसी के शरीर में गर्भाशय ही नहीं बनता तो महावारी की शुरुआत नहीं होती। तो किसी के शरीर में गर्भाशय होता है लेकिन योनि द्वार नहीं बनता। और कभी-कभी योनि द्वार अविकसित रह जाता है। जिसके कारण माहवारी का खून अंदर ही अंदर इकट्ठा होने लगता है और बाहर निकासी नहीं पा पाता। समय रहते यदि ऑपरेशन नहीं किया गया तो स्थिति गंभीर हो सकती है। मरीज को भीषण पेट दर्द पेशाब करने में दिक्कत,और पेट में सूजन की शिकायत होती है। यह खून गर्भाशय से होता हुआ पेट में इकट्ठा होने लगता है जिसके कारण पेट में भी सूजन आने लगती है।
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