यह पर्व समेत पूरे देश में मनाया जाता है।
#GaneshChaturthi : हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी Chaturthi तिथि को गणेश चतुर्थी या विनायक चतुर्थी Chaturthi का पर्व मनाया जाता है। इस बार गणेश चतुर्थी 22 अगस्त को पड़ रही है। इस दिन लोग अपने घरों में गणपति की स्थापना करते हैं। यह पर्व महाराष्ट्र Maharashtra समेत पूरे देश में मनाया जाता है।
इस बार कोरोना महामारी के कारण सार्वजनिक स्थानों पर गणपति स्थापना पर पाबंदी हो सकती है, हम आपको अपने घर पर भगवान गणेश की मूर्ति स्वयं स्थापित करने की पूरी विधि बता रहे हैं…
स्थापना मुहूर्त
गणेशोत्सव के लिए सबसे पहले मिट्टी की बनी भगवान गणेश Ganesh की मूर्ति खरीद लें तथा पूजा समाग्री की भी व्यवस्था कर लें। गणपति बप्पा को घर पर पूजा स्थान पर रखें। भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी का प्रारंभ 21 अगस्त की रात 11:02 बजे से हो रहा है, जो 22 अगस्त को शाम 07:57 बजे तक है। गणपति की पूजा का समय दोपहर में 02 घंटे 36 मिनट का है। आप दिन में 11:06 बजे से दोपहर 01:42 बजे तक पूजा कर सकते हैं। इस समय में आप गणपति स्थापना कर सकते हैं। इस दिन अभिजित मुहूर्त भी 11:58 बजे से दोपहर 12:50 बजे तक है, इस समय में भी गणपति स्थापना ठीक है।
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स्थापना एवं पूजा विधि
सबसे पहले आप इस मंत्र mantra अस्य प्राण प्रतिषठन्तु अस्य प्राणा: क्षरंतु च। श्री गणपते त्वम सुप्रतिष्ठ वरदे भवेताम।। से गणेश जी का आवाहन-स्थापन करें। फिर गणपति को जल तथा पंचामृत से स्नान कराएं और वस्त्र पहनाएं। अब उनको चंदन, रोली, इत्र, आभूषण, दूर्वा, पुष्प आदि अर्पित करें। माथे पर सिंदूर लगाएं। उनको जनेऊ, मोदक, फल आदि चढ़ाएं। इसके बाद धूप, दीप आदि से आरती करें। गणेश जी की आरती- ओम जय गणपति देवा…
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क्षमा-प्रार्थना मन्त्र
विघ्नहर्ता की पूजा एवं आरती के बाद परिक्रमा करें और क्षमा मांगें कि पूजा में कोई भी कमी या भूल हुई तो उसके लिए माफ करें।
गणेशपूजने कर्म यत् न्यूनमधिकम कृतम।
तेन सर्वेण सर्वात्मा प्रसन्न अस्तु गणपति सदा मम।।
विधि पूर्वक गणपति को विदा करें
इस प्रकार आप अपने घर पर गणपति का विधि विधान से स्थापना करें और 10 दिन तक उनकी आराधना करें। इसके बाद विसर्जन के दिन विधि पूर्वक हर्षोल्लास के साथ गणपति को विदा करें।