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#GaneshJi को चढ़ाई जाने वाली दूब के फायदे हैं एनेक
#GaneshJi : आपको यह जानकर हैरानी होगी कि इस पवित्र घास का गणेश जी को चढ़ाने के अलावा आयुर्वेद में भी औषधि की तरह उल्लेख किया गया है जो बड़े से बड़े रोगों की जड़ को काटती है. आइए गणेश चतुर्थी के मौके पर जानते हैं
इस पवित्र घास के औषधीय गुण और इससे होने वाले फायदों के बारे में
- कई शोधों में ये बात सामने आई है कि दूब या दुर्वा में ग्लाइसेमिक क्षमता अच्छी होती है. इस घास के अर्क से मधुमेह रोगियों पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है. इसका सेवन डायबिटिक पैंशेंट्स के लिए लाभदायक साबित हो सकता है.
- दूब के रस को हरा रक्त कहा जाता है क्योंकि इसे पीने से एनीमिया की समस्या को दूर किया जा सकता है. दूब ब्लड को साफ कर लाल रक्त कोशिकाओं को बढ़ाने में मदद करती है.
- दूब के रस को मिश्री के साथ मिलाकर पीने से पेशाब के साथ खून आना बंद हो जाता है. साथ ही 1 से 2 ग्राम दूर्वा को दूध के साथ पीसकर छानकर पीने से यूरिन इंफेक्शन से निजात मिलती है.
- दूब में एंटी इंफ्लमेटरी और एंटीसेप्टिक एजेंट होने की वजह से खुजली, स्किन रैशेज और एग्जिमा जैसी त्वचा की समस्याओं से छुटकारा मिलता है.
- नाक से खून आने की परेशानी होने पर अनार पुष्प स्वरस को दूब के रस के साथ के साथ मिलाकर उसकी 1 से 2 बूंद नाक में डालने से नाक से खून बंद करने में काफी आराम मिलता है और नाक से खून आना तुंरत बंद हो जाता है.
- हल्दी पाउडर के साथ इस घास का पेस्ट बनाकर चेहरे पर लगाने से चेहरे पर आए फुंसी भी साफ होती है.
- आयुर्वेद के अनुसार चमत्कारी वनस्पति दूब का स्वाद कसैला-मीठा होता है जिसमें प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, कैल्शियम, फाइबर, पोटैशियम पर्याप्त मात्रा में होते हैं जिससे पित्त एवं कब्ज जैसी परेशानियों को दूर करने में मदद मिलती है.
- आयुर्वेद के विद्वानों के अनुसार दूब और चूने को बराबर मात्रा में पानी के साथ पीसकर माथे पर लेप करने से सिरदर्द में तुंरत राहत मिलती है .
- दूब के काढ़े से कुल्ला करने से मुंह के छाले मिट जाते हैं. इसके अलावा यह आंखों के लिए भी अच्छा होता हैं क्योंकि इस पर नंगे पैर चलने से आंखों की रोशनी बढ़ती है.
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