Garuda Purana : सनातन धर्म में कई महत्वपूर्ण ग्रंथ हैं, जिनमें से गरुड़ पुराण (Garuda Purana) एक अहम ग्रंथ है। यह जगत के पालनहार भगवान विष्णु के द्वारा अपने भक्तों को दिए गए ज्ञान पर आधारित है। इस पुराण में मरने के बाद क्या होता है? स्थिति का वर्णन किया गया है। Garuda Purana
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इसके अलावा, गरुण पुराण में लोगों के विभिन्न कर्मों के लिए अलग-अलग दंड बताए गए हैं। परिवार के किसी सदस्य के निधन के बाद अक्सर इस ग्रंथ का पाठ किया जाता है। इससे आत्मा को मोक्ष मिलता है और घर शुद्ध होता है। चलिए हम आपको बताएंगे गरुड़ पुराण के बारे में विस्तार से। Garuda Purana
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कब और क्यों पढ़ना चाहिए गरुड़ पुराण?
शास्त्रों के अनुसार, घर में किसी की मृत्यु होने पर गरुड़ पुराण पढ़ना चाहिए। इसलिए गरुड़ पुराण हर मरने वाले की आत्मा को सुनाया जाता है। मृत व्यक्ति की आत्मा 13 दिनों तक अपने घर पर रहती है। इसलिए गरुड़ पुराण का पाठ करने से मोक्ष मिलता है। Garuda Purana
गरुड़ पुराण 18 महापुराणों में एक है। इस ग्रंथ में 19 हजार श्लोक हैं, जिसके सात हजार श्लोक में इंसान के जीवन से संबंधित है। इसमें नरक, स्वर्ग, रहस्य, नीति, धर्म और ज्ञान का उल्लेख किया गया है। इस ग्रंथ का पाठ करने से इंसान को ज्ञान, यज्ञ, तप और आत्मज्ञान, सदाचार के बारे में जानकारी प्राप्त होती है।
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गरुड़ पुराण पढ़ने के नियम
गरुड़ पुराण एक रहस्यात्मक ग्रंथ है। इसका पाठ करने से पहले कई बातों को ध्यान में रखना चाहिए।-कई लोगों का मानना है कि गरुड़ पुराण को घर में नहीं रखना चाहिए। इस बारे में कई भ्रांतियां हैं। आपको बता दें कि इस ग्रंथ का पाठ मृत्यु के बाद किया जाता है। इसलिए इसे घर में रखना उचित नहीं है।
मिलते हैं ये फायदे
मान्यता के अनुसार, अगर किसी की मृत्यु के बाद इस ग्रंथ का पाठ किया जाता है, तो उसकी आत्मा को मोक्ष की प्राप्ति मिलती है और नकारात्मक शक्ति खत्म होती है। इसके अलावा घर का वातावरण शुद्ध होता है।
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