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गैस, पेट में जलन, पेट का फूलना, पेट से जुड़ी हर परेशानी का इलाज है ये….
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बाहर का खाना और फास्टफूड आजकल की जीवनशैली में शामिल हो चुके हैं, जो हमारे शरीर की पाचन क्रिया पर बुरा प्रभाव डालते हैं. विशेषज्ञों के अनुसार कम मात्रा में ही सौंफ, अदरक, दही और पपीता आदि खाने से पाचन तंत्र को स्वस्थ रखा जा सकता है.
पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने वाले कुछ तत्वों है.
- इसमें सबसे पहला स्थान आता है अदरक का, जिससे पाचन क्रिया में मदद मिलती है और यह सूजन और सीने में जलन रोकता है. खाना खाने के बाद अदरक और नींबू की कुछ बूदों के मिश्रण का एक घूंट आपको कई परेशानियों से दूर रख सकता है.
- दूध से बने ज्यादातर उत्पादों के साथ पाचन संबंधी समस्या होने के बावजूद सामान्य दही इसके ठीक विपरीत प्रभाव डालता है. इसमें मौजूद प्रोबायोटिक पेट के विकार दूर करने में सहायक होता है. इससे पाचन और गैस संबंधी समस्याओं में आराम मिलता है
- केला एक ऐसा फल है, जो जल्दी पच जाता है और तत्काल ऊर्जा प्रदान करता है. पपीता की तरह इसमें भी पेक्टीन होता है, जिससे पेट के विकार दूर होते हैं.
- सौंफ में मौजूद तत्व पेट की गैस कम करने और पाचन क्रिया को सुधारने में मदद करते हैं. इसे चबाने से या चाय में डालकर लेने से पाचन क्रिया सक्रिय होती है, जिससे सीने में जलन, पेट और आंत की समस्याओं का निदान हो जाता है.
- पपीता की गिनती डायरिया और पेट की अन्य समस्याओं का इलाज करने वाले फलों में होती है. इसे खाने से पाचन, खट्टी डकार और कब्ज में आराम मिलता है. इसका सेवन करने से पेट के विकार दूर होते हैं.
- जीरे के सेवन करने से आग्नाशय के विभिन्न तत्वों का स्राव होने लगता है. इसमें कई पोषक तत्व होते हैं. आप इसे तलकर दूध, दही, शिकंजी, सलाद या सूप में पीसकर भी ले सकते हैं.
- प्रोबायोटिक ऐसे सूक्ष्म जीव होते हैं, जो कई बीमारियों को दूर करते हैं. इनका सेवन करने से पाचन तंत्र और प्रतिरोधी तंत्र मजबूत होता है. इन्हें लेने से मूत्राशय संक्रमण, त्वचा संबंधी रोग और सर्दी में का निदान होता है. हम लोग इन्हें दही, केफिर (दूध उत्पाद) और कोम्बुच (एक तरह की ब्लैक टी) के रूप में ले सकते हैं.
- दलिया घुलनशील और अघुलनशील फाइबरों का महत्वपूर्ण स्त्रोत है. पोषक तत्वों से भरपूर दलिया को आटा बनाने की प्रक्रिया में हटा दिया जाता है, जिससे स्वस्थ पाचन क्रियाओं के लिए जरूरी विटामिन, पोषक तत्व और फाइबर अलग हो जाते हैं. दलिया से भी पाचन क्रिया को सुचारु रूप से चलाने में सहायता मिलती है.
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