Gita Updesh: कई बार बहुत जरूरी फैसले लेते हुए व्यक्ति जल्दबाजी कर देता है और उसके बाद में इसका नुकसान झेलना पड़ता है। Gita Updesh
आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि आपको जरूरी फैसले लेते समय गीता (Bhagavad Gita Updesh) में वर्णित किन बातों का ध्यान रखने की जरूरत है, ताकि बाद में आपको अपने फैसलों पर पछताना न पड़े। Gita Updesh
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इस समय न लें फैसला
कभी भी क्रोध में कोई फैसला नहीं लेना चाहिए, क्योंकि क्रोध के कारण व्यक्ति अपना नियंत्रण खो देता है, जिस कारण वह गलत फैसले ले बैठता है, जो आगे चलकर उसका बड़ा नुकसान कर सकते हैं। इसलिए फैसले लेते समय आपका मन और चित्त शांत रहना बहुत जरूरी है।
इसी के साथ आप कोई जरूर फैसला लेते समय उस विषय के जानकार या अपने घर के बड़े-बुजुर्गों से सलाह लेंगे, तो यह भी ठीक फैसला करने में आपकी मदद कर सकते हैं।
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बढ़ सकती हैं मुसीबतें
गीता में कहा गया है कि कोई भी फैसला लेने से पहले आत्ममंथन जरूर करना चाहिए। ऐसा करने से यह गलत फैसले लेने की संभावना कम हो जाती है। इसलिए हर फैसला चाहे वह बड़ा हो या छोटा, हमेशा सोच-समझकर ही लेना चाहिए, तभी आप ठीक फैसला ले सकते हैं। इसी के साथ व्यक्ति को कोई निर्णय जल्दबाजी में भी नहीं लेना चाहिए, क्योंकि यह अधिकतर गलत ही साबित होता है।
ये काम हैं जरूरी
गीता में श्रीकृष्ण अर्जुन से कहते हैं कि अगर कोई व्यक्ति खुद के लिए निर्णय ले रहा है, तो उसे कुछ बातों का ध्यान जरूर रखना चाहिए। इसके लिए सबसे पहले अपने आप को पहचानना जरूरी है। अपनी क्षमताओं, कमजोरियों और इच्छाओं को जानने के बाद ही कोई व्यक्ति अपने लिए निर्णय लेना चाहिए, इससे आपके फैसले हमेशा सही साबित होंगे।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। JAIHINDTIMES इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है।