लोकसभा के गोरखपुर उपचुनाव में तैयारी और रणनीति के साथ काम कर रही भारतीय जनता पार्टी ने करीब एक दर्जन मंत्रियों और पदाधिकारियों को चुनाव प्रचार की कमान थमा दी है। पिछले दो दिनों से सभी मंत्री और पदाधिकारी जातिगत समीकरण के तहत लगाए गए हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा खाली की गई गोरखपुर सदर संसदीय सीट पर 11 मार्च को मतदान होना है। इस चुनाव में जहां भाजपा प्रत्याशी उपेन्द्र दत्त शुक्ल हैं। वहीं सपा-बसपा के साझा प्रत्याशी प्रवीण कुमार निषाद हैं।
कांग्रेस ने डॉ सुरहिता करीम को प्रत्याशी बनाकर मुकाबला त्रिकोणीय कर दिया है। गोरखपुर सदर संसदीय सीट के तहत पांच विधान सभा क्षेत्र गोरखपुर सदर, गोरखपुर ग्रामीण, सहजनवां, पिपराइच और कैंपियरगंज विधान सभा क्षेत्र आते हैं।
इस चुनाव में जातिगत समीकरण साधने के लिए सभी दल अपने-अपने स्तर लगे हुए हैं। ऐसे में भाजपा कहां पीछे रहने वाली है। भारतीय जनता पार्टी ने भी चुनाव प्रचार में करीब एक दर्जन मंत्री और पदाधिकारियों को उतार दिया है।
- केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री शिव प्रताप शुक्ल का गृह जनपद होने के कारण वह पूरा समय दे रहे हैं।
- प्रदेश सरकार के मंत्रियों में स्वामी प्रसाद मौर्य, धर्मपाल सिंह, रमापति शास्त्री, सुरेश पासी, अनिल राजभर, दारा सिंह चौहान, जय प्रकाश निषाद लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा प्रत्याशी के समर्थन में विधान सभाओं में कैंप किए हुए हैं
- भाजपा के प्रदेश महामंत्री पंकज सिंह, भाजपा मछुआरा समाज के प्रदेश संयोजक मनोज कश्यप,
- भाजपा के उपाध्यक्ष रंजना उपाध्याय और भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष यदुवंशी प्रचार में लगे हुए हैं।
जातिगत समीकरण के तहत लगाए गए प्रदेश सरकार के मंत्रियों और संगठन के पदाधिकारियों से कितना लाभ मिलेगा, यह तो समय बताएगा, पर पार्टी कहीं से कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती है। जातीय समीकरण साधने में जुटी भाजपा को चुनाव प्रचार में लगाए गए मंत्रियों और नेताओं की ताकत का भी अंदाजा लग सकेगा। उक्त मंत्री और नेता जिस विधान सभा क्षेत्र में जा रहे हैं, वहीं पर रात्रि विश्राम भी कर रहे हैं। इससे मतदाताओं के रुख का पता चल सकेगा और दूसरे मतदाताओं को यह भरोसा दिलाया जा रहा है कि भाजपा के लोग किसी के भी घर रात्रि विश्राम करने में परहेज नहीं करते हैं।