Gorakhpur News : दक्षिण भारत के अलावा विदेशों में भी हनुमान चालीसा (Hanuman Chalisa) और सुंदरकांड (Sunderkand) जैसी धार्मिक पुस्तकों की मांग बढ़ी है, जो गीता प्रेस में अंग्रेजी में प्रकाशित हुई हैं। Gorakhpur News
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गीता प्रेस प्रबंधन हर महीने 50 हजार पुस्तकों को छापकर विदेशों में भेजी जा रही है। हिंदी में छपी चौपाई के ऊपर अंग्रेजी में भी छपा है। इसका उद्देश्य है कि जो श्रद्धालु हिंदी नहीं पढ़ सकते, वह अंग्रेजी में इसे पढ़ सकें।
लगभग 15 भाषाओं में हो रहा है प्रकाशन
गीता प्रेस में लगभग 15 भाषाओं में धार्मिक पुस्तकों का प्रकाशन हो रहा है। हाल के दिनाें में हनुमान चालीसा व सुंदरकांड के अंग्रेजी वर्जन की मांग बढ़ी है। लगभग 50 हजार प्रतियां विदेशों में भेजी जा रही हैं। सुंदरकांड की कीमत 30 रुपये प्रति है।
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वहीं, हनुमान चालीसा महज आठ रुपये में उपलब्ध है। विदेशी श्रद्धालु इन पुस्तकों को ऑनलाइन भी खरीद रहे हैं। गीता प्रेस के प्रबंधक लालमणि तिवारी ने बताया कि श्रद्धालुओं की मांग पर पुस्तकें उपलब्ध करवाना गीता प्रेस का कर्तव्य है। अंग्रेजी वर्जन की पुस्तक को दक्षिण भारत व विदेशों में भी पसंद किया जा रहा है।
अब आर्ट पेपर पर छपेंगी पुस्तकें
गीता प्रेस ने शिव पुराण, रामचरितमानस जैसे बड़े धार्मिक पुस्तकों को आर्ट पेपर पर सचित्र प्रकाशित किया है। पेपर की गुणवत्ता बेहतर होने की वजह से इस तरह की पुस्तकों की मांग बढ़ी है। इसको देखते हुए गीता प्रेस ने अन्य धार्मिक पुस्तकों को भी आर्ट पेपर पर सचित्र छापने का निर्णय लिया है।
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