LUCKNOW
उत्तर प्रदेश सरकार के एक अफसर ने भारत सरकार के अफसर को एक चिट्ठी पांच साल पहले लिखी थी, जो अब तक गंतव्य तक नहीं पहुंची है. इस मामले का खुलासा दोनों अफसरों के दफ्तरों से अलग-अलग आरटीआई के माध्यम से मिले जवाब से हुआ है. यह पूरा प्रकरण जनसँख्या शोध केंद्र अर्थशास्त्र विभाग लखनऊ विश्वविद्यालय के सेवानिवृत्त कर्मचारियों के पेंशन से जुड़ा है.
शनिवार व रविवार के #LOCKDOWN के लिए गाइडलाइंस जारी, बाहर निकलने पर दिखाना होगा आई-कार्ड ! #HIGHCOURT : गैर शैक्षणिक कार्यों में न लगाई जाए शिक्षकों की ड्यूटी #UTTARPRADESH : अब सूचना के अधिकार अधिनियम के दायरे में निजी स्कूल #KANPUR : शार्ट सर्किट से लगी आग , घर की गृहस्थी हुई खाक इस प्रकरण में केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय सख्त , यूपी के मुख्य सचिव आरके तिवारी को अल्टीमेटम
जनसँख्या शोध केंद्र के सेवानिवृत्त कर्मचारियों के पेंशन के सम्बंध में लखनऊ विश्वविद्यालय, प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा उत्तर प्रदेश और भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के बीच पत्राचार चल रहा था. कई वर्षों तक पत्राचार के नाम पर चल रहे नाटक का खुलासा तब हुआ जब इस मामले में आरटीआई दाखिल की गई. दरअसल लखनऊ विश्वविद्यालय ने इस मसले पर सहमति जाहिर कर दी थी और इसके बाद प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा उत्तर प्रदेश और भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के बीच पत्राचार होना था.
जब जनसँख्या शोध केंद्र के सेवानिवृत्त कर्मचारी सुरेश प्रसाद शर्मा के पुत्र ने इस मामले में प्रमुख सचिव कार्यालय से आरटीआई से सूचना मांगी तो जवाब में बताया गया कि उत्तर प्रदेश शासन के प्रमुख सचिव जितेंद्र कुमार ने दिनांक 27 सितंबर 2016 को पत्रांक संख्या 649/सत्तर-4-2016 भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के परिवार कल्याण विभाग के सांख्यिकी विभाग को भेजा है.
HARYANA : पुलिस टीम को लूटने की कोशिश, तीन आरोपी अवैध हथियार सहित गिरफ्तार UTTAR PRADESH: आतंकियों ने रची थी 15 अगस्त से पहले शहरों को दहलाने की साजिश जहरीली शराब बेचने वालों पर हाईकोर्ट की सख्त टिप्पणी
प्रमुख सचिव से आरटीआई से मिले इस जवाबी पत्र पर हुई अग्रिम कार्रवाई की जानकारी के लिए जब भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के परिवार कल्याण विभाग के सांख्यिकी विभाग को इस पत्र की छायाप्रति के साथ आरटीआई भेजा गया तो वहां से जवाब मिला कि इस तरह का कोई पत्र पहुंचा ही नहीं है.
UTTARPRADESH : दो से अधिक बच्चों वालों पर लगेगी यह बंदिशे, आपत्ति और सुझाव
SUPREMECOURT का केंद्र से बड़ा सवाल, क्या सरकार आजादी के 75 साल भी इस कानून को बनाए रखना चाहती है?
#KANPURNEWS : क्राइम ब्रांच के हत्थे चढ़े तीन शातिर अपराधी
साफतौर पर इस पूरे मामले में दोनों में से कोई एक अफसर सफेद झूठ बोल रहा है और ऐसे झूठे अफसर के कारण जनसँख्या शोध केंद्र के सेवानिवृत्त कर्मचारी कई वर्षों से बीमारी और अभाव का संकट झेलते हुए तिल-तिल कर मरने पर मजबूर हैं. सेवानिवृत्त कर्मचारी सुरेश प्रसाद शर्मा ने कहा कि वे इस मामले से जुड़े अफसरों के खिलाफ कार्रवाई के लिए भारत सरकार के प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री से शिकायत करेंगे.