शासन की ओर से बोर्ड परीक्षा 2020-21 को लेकर नई केंद्र निर्धारण नीति जारी हुई है। इसके मुताबिक एक केंद्र पर 800 विद्यार्थियों से ज्यादा नहीं बैठाया जा सकेगा। नई नियमावली के मुताबिक गोरखपुर (Gorakhpur) जिले में 20 से अधिक केंद्रों की संख्या का बढ़ना तय माना जा रहा है। पिछले वर्ष बोर्ड परीक्षा के लिए 196 केंद्र बनाए गए थे।
वेबसाइट पर गलत सूचनाएं देने वाले स्कूलों को परीक्षा केंद्र की पात्रता सूची से बाहर कर दिया जाएगा। राजकीय, एडेड और वित्तविहीन विद्यालयों की अलग-अलग मेरिट सूची तैयार होगी। इंटर स्तर के विद्यालयों के लिए 20 अंक और हाईस्कूल स्तर के लिए 10 अंक होंगे। बीते वर्ष का रिजल्ट 90 फीसदी से ज्यादा होने पर 20 अंक मिलेंगे। सूचनाओं को परखने के लिए जिला स्तरीय टीम मौके पर जाकर जांच करेगी। इसकी रिपोर्ट भी वेबसाइट पर अपलोड की जाएगी।
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अब स्कूलों को अपनी आधारभूत संसाधनों की सूचनाएं वेबसाइट पर अपलोड करनी होंगी। हर सुविधा के लिए अंक निर्धारित किए गए हैं। इन अंकों से मेरिट बनेगी। मेरिट के आधार पर केंद्र तय होंगे। स्कूल मेरिट में स्थान बनाने के लिए जुट गए हैं। इस बार कोरोना के कारण केंद्र निर्धारण के मानकों में भी परिवर्तन किया गया है। सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए दोनों पालियों में आवंटित परीक्षार्थियों की कुल संख्या न्यूनतम 150 और अधिकतम 800 कर दी गई है। अभी तक यह संख्या 300 और 1200 थी।
गाइडलाइन के अनुसार प्रत्येक छात्र को बैठने के लिए 36 वर्ग फुट क्षेत्रफल का स्थान तय किया गया है। डीआईओएस ज्ञानेंद्र सिंह भदौरिया ने सभी प्रधानाचार्यों को अपने यहां उपलब्ध संसाधनों का विवरण upmsp.edu.in अपलोड करने का निर्देश दिया है।
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