GSVM MEDICAL COLLEGE NEWS : कानपुर मेडिकल कॉलेज (GSVM MEDICAL COLLEGE) के हैलट अस्पताल में गंभीर मरीजों को तत्काल और बेहतर उपचार देने के लिए इमरजेंसी में जोन बनकर तैयार हो गया। यह पर तीन जोन बनाए गए है। रेड, यलो और ग्रीन जोन है। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के ऑडिटोरियम हॉल में डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने वर्चुअल बटन दबाकर शुभारंभ किया। GSVM MEDICAL COLLEGE NEWS
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डिप्टी सीएम बृजेश पाठक (Deputy CM Brijesh Pathak) ने कहा कि कानपुर समेत अन्य जिलों की जनता को यह सुविधा दी गई है। मेडिकल कॉलेज इसका बधाई के पात्र है। सभी को बधाई दी। यहां 18 से 20 जिलों के मरीज आते हैं। अब इन मरीजों को दूसरे प्रदेश जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। उन्होंने कहा कि इमरजेंसी में पहले मरीज को ट्रीटमेंट दें, पर्चे का इंतजार न करें। गर्मी में लोगों को शीतल पेय जल मिले, अस्पताल में गन्दगी न हो इसका ध्यान रखें।
प्रिंसिपल डॉ. संजय काला ने बताया कि इस जोन को इमरजेंसी के पास ही बनाया गया है, जो भी मरीज बहुत गंभीर अवस्था में पहुंचेगा उसे तत्काल उपचार देने के लिए रेड जोन में भर्ती किया जाएगा। कम गंभीर मरीजों को यलो जोन में और अन्य मरीजों को ग्रीन जोन में भर्ती किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि हम लोगों ने डीएनबी बोर्ड को एक पत्र लिखा था। इसके बाद से शासन स्तर से इसे हरी झंडी मिल गई थी। इसे लगभग 30 लाख की लागत से तैयार किया गया है। इस अवसर पर विधायक नीलिमा कटियार, विधायक सुरेंद्र मैथानी, डाॅक्टर मनीष सिंह, डाॅक्टर सीमा द्विवेदी समेत कई लोग उपस्थित रहे। GSVM MEDICAL COLLEGE NEWS
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ऑक्सीजन, पल्स, मॉनिटर सभी कुछ अटैच होगा
प्रिंसिपल डॉ. संजय काला ने बताया कि रेड जोन में 15 बेड, यलो जोन में 10 बेड, 5 बेड ग्रीन जोन के लिए सुनिश्चित कराए जाएंगे। सभी जोन में डॉक्टरों की अलग-अलग टीम होगी, जो भी मरीज यहां पर आएंगे उन्हें तुरंत इलाज देना ही डॉक्टरों की पहली प्राथमिकता होगी। मरीज को कितनी जल्दी इलाज देकर उसे बचाया जा सके इसके लिए डॉक्टरों को ट्रेनिंग भी दी जाएगी। रेड जोन में जितने भी बेड होंगे वह सारी सुविधाओं से लैस होंगे। आईसीयू सपोर्ट बेड होगा। उसमें ऑक्सीजन, पल्स, मॉनिटर सभी कुछ अटैच होगा।
रेड जोन के लिए विशेषज्ञ डॉक्टर नियुक्त
रेड जोन के जितने बेड होंगे वह बिल्कुल अलग होंगे और वहां पर मैनपावर भी अधिक होगी। डॉक्टरों की जो भी टीम वहां लगाई जाएगी वह पूरी तरह से प्रशिक्षित होगी। मेडिकल हो या सर्जरी सभी को वहां रखा जाएगा। रेड जोन के लिए विशेषज्ञ डॉक्टरों को ही नियुक्त की जाएगी, ताकि जब मरीज वहां पर पहुंचे तो उनको किसी से राय लेने की जरूरत ना पड़े और तत्काल उपचार शुरू हो जाए। यदि ट्रामा का मरीज 1 घंटे के अंदर अस्पताल पहुंच जाता है तो 50% उसकी जान बचाई जा सकती है।
कई जिलों से आते हैं यहां मरीज
मेडिकल कॉलेज के इमरजेंसी में कानपुर ही नहीं बल्कि आसपास के करीब 10 जिलों के मरीज यहां पर आते हैं। उन्नाव, फतेहपुर, घाटमपुर, बांदा, इटावा, औरैया समेत कई ऐसे जिले हैं, जहां पर बड़ी घटना होने के बाद मरीजों को कानपुर मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया है। इसलिए अस्पताल प्रबंधन इमरजेंसी सुविधाओं को दुरस्त करने का निर्णय लिया है।
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