GSVM MEDICAL COLLEGE NEWS : KANPUR लाला लाजपत राय अस्पताल के नेत्र विभाग में तीन मरीज़ आए जिनको कुत्ते ने आँख में काट लिया था । इससे पलके और आंखों को काफी नुकसान हुआ। विभागाध्यक्ष डॉक्टर शालिनी मोहन (Dr. Shalini Mohan) ने बताया कि ऑपरेशन कर सभी मरीजों की रोशनी बचा ली गई है। GSVM MEDICAL COLLEGE NEWS
एक मशीन से होगी आंखों की हर पार्ट की जांच
डॉक्टर ने बताया कि जितनी जल्दी हो सकी पहला इंजेक्शन एंटी रैबीज वैक्सीन का लग जाना चाहिए और उसके पश्चात् रेबीज़ इंजेक्शन के कोर्स के हिसाब से तीसरे दिन और सातवें दिन दूसरी व तीसरी इंजेक्शन क्रमशः लग जानी चाहिए । और फिर चौथा तथा पाँचवा इंजेक्शन चौदहवें दिन और एक महीने पर लगना अत्यंत आवश्यक है । जिसकी आगे भी इसी प्रकार की रेबीस की बीमारी होने की संभावना ख़त्म हो जाए। GSVM MEDICAL COLLEGE NEWS
मासूम की आंखों को पागल कुत्ते ने काटा
नेत्र विभाग के विभागाध्यक्ष डॉक्टर एवं प्रोफ़ेसर शालिनी मोहन ने बताया कि , सचेंडी निवासी 6 वर्षीय बच्चा, जो कि घर के बाहर सड़क पर खेल रहा था उस पर एक पागल कुत्ते ने अचानक से पीछे से आकर दबोच लिया और उसकी आँखों में काट लिया आँखों की पलक पूरी तरह से कट गई और लटक गई । जिसकी वजह से उसकी काली पुतली अर्थात कॉर्निया पूरी तरह से खुल गई थी और ऐसे में आँख की रोशनी जाने की पूरी संभावना हो जाती है । ऐसे में बच्चे को एंटी रेबीज़ का इंजेक्शन लगवाने के पश्चात, आँखों की पलक में इम्योनोग्लोबिन के इंजेक्शन लगाए गए और उसे इमरजेंसी एनेस्थीसिया में लेकर ऑपरेशन किया गया अन्यथा उसकी आँख की रोशनी जाने का ख़तरा था ।
अयोध्या वंदे भारत 22 जनवरी तक निरस्त
उसकी पलकों को जो की पूरी तरह से कट गई थी लगभग 2 घंटे ऑपरेशन करके वापस सिल लिया गया और बच्चों की आंखें बचा ली गई । इस टीम में डॉक्टर शालिनी मोहन के अलावा अन्य डॉक्टर्स में डॉक्टर श्वेता शर्मा, डॉक्टर स्नेहा रंजन, डा. नम्रता पटेल, डॉक्टर अंजली पाठक इत्यादि रहे ।
डॉक्टर प्रीति गुप्ता के अंडर में फ़र्रूख़ाबाद निवासी 45 वर्षीय पुरूष , भर्ती हुआ जिसकी कि पलक को एक कुत्ता नोचकर चला गया था जिससे कि उसमें एक तिहाई पलक पूरी तरह से ग़ायब हो गई थी । इस बच्चे को एंटी रेबीसी प्रोटोकॉल का पालन करते हुए डा. प्रीति गुप्ता , डा. कंचन, डा. शिवांग की टीम ने ऑपरेशन करके उसकी पलक को वापस ठीक किया और आँखों की रोशनी बचायी ।
रैबीज वैक्सीन लगाना अत्यंत आवश्यक
एक अन्य 7 वर्षीय बच्ची की आँख की पलक और माथे में कुत्ते के पंजों द्वारा चोट लग गई थी जिससे की 11टाँके लगाकर ठीक किया गया। इस अवसर पर प्रिंसिपल एवं डीन, जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज डॉक्टर प्रो. संजय काला ने कहा कि बड़ों के साथ बच्चों को बहुत ज़्यादा सावधानी बरतने की ज़रूरत है और यदि किसी वजह से कुत्ते ने काट लिया है तो उसमें एंटी रैबीज वैक्सीन लगाना अत्यंत आवश्यक है जिससे कि आगे चलकर रेबीज़ जैसी ख़तरनाक बीमारी किसी को भी न हो सकी ।
राम की ननिहाल से पहुंचे चांदी के 31 खड़ाऊ
क्या है ‘प्राण प्रतिष्ठा’ शब्द का मतलब? कैसे आते हैं प्राण