GSVM Medical College News: GSVM कानपुर का पहला ऐसा मेडिकल कॉलेज (Medical College) बन गया है। जहां रेटीना की सर्जरी शुरू हो गई है। अब यहां पर जटिल से जटिल दिक्कतों का भी ऑपरेशन संभव है। GSVM Medical College News
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मोतियाबिंद गिर जाना, आंख की छिली का फटना, लेंस गिर जाना जैसी स्थिति में आमतौर पर आंखों की रोशनी चली जाती है। लेकिन, अब इसका भी इलाज कानपुर में हो सकेगा।
मरीजों को मिलेगा लाभ…
इस ऑपरेशन के बाद से हैलट (HALLET) में कानपुर (KANPUR) के अलावा आसपास के करीब 18 जिलों के मरीजों को लाभ मिलेगा। अभी तक इस ऑपरेशन के लिए लोगों को दिल्ली या मुंबई जैसे शहरों का रुख करना पड़ता था, लेकिन अब कानपुर में ही इसका इलाज लोगों को मिल जाएगा।
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आंखों की रोशनी जाने का खतरा
आंखों से संबंधित कई बीमारियां ऐसी होती है, जिसमें मरीज की आंखों की रोशनी चली जाती है। नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. परवेज खान ने बताया कि जब मोतियाबिंद काफी पुराना हो जाता है और आंखों के अंदर का कैप्सूल फट जाता है तो ऐसे में ऑपरेशन करना मुश्किल हो जाता है। इस स्थिति में आंखों में लेंस भी नहीं लग पाता है।
ऐसे में मरीज की आंखों की रोशनी पूर्ण रूप से चली जाती है। कुछ मोतियाबिंद ऐसे भी होते है, जिसमें लेंस नहीं लग पाता है। इसके अलावा जब आंखों के पर्दे की छिल्ली फट जाती है तो इसमें भी ऑपरेशन करना मुश्किल हो जाता है।
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डॉ. परवेज खान ने बताया कि…
रेटीना का ऑपरेशन आइरिस विधि, स्क्लेरल विधि और गूल्ड IOL विधि से ऑपरेशन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि ये ऑपरेशन अगर कही किसी निजी अस्पताल में कराते है तो कम से कम 40 हजार रुपए का खर्च आता है।
कानपुर मेडिकल कॉलेज में इसका खर्च ज्यादा से ज्यादा 10 हजार रुपए का आता है। क्योंकि यहां पर सरकारी तौर पर लेंस उपलब्ध नहीं हो पाता हैं। इस लेंस को लगवाने के लिए मरीज को खुद ही लेंस खरीदना पड़ता है।
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