Gujiya history: होली के त्योहार पर हर घर में कई तरह के पकवान बनाए जाते हैं। गुजिया इन्हीं में से एक है, जिसके बिना होली का पर्व अधूरा माना जाता है। Gujiya history
भद्रा में होलिका दहन करने से क्या होता है? जानें
होलाष्टक में भूलकर भी न करें ये काम, वरना जीवन में मिलेंगे बुरे परिणाम
यह भारत में बनने वाली एक लोकप्रिय मिठाई है, जिसे आमतौर पर होली के मौके पर मनाया जाता है। यह कई लोगों की पसंदीदा मिठाई होती है। आप भी होली पर गुजिया (Holi Gujiya tradition) बड़े चाव से खाते होंगे, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इस स्वादिष्ट मिठाई को बनाने की शुरुआत कैसे हुई और क्यों इसे होली के मौके (Gujiya cultural significance) पर ही बनाया जाता है। अगर नहीं, तो चलिए आपको बताते हैं गुजिया (Gujiya history) का लंबा और दिलचस्प इतिहास- holi 2025
कहां से आई गुजिया? (Where did Gujiya come from?)
हर साल होली के मौके पर गुजिया बनाई जाती है। साथ ही इसका भोग भी लगाया जाता है, लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि भारत में लोकप्रिय यह मिठाई असल में भारतीय नहीं है। यह तुर्किए के रास्ते भारत पहुंची थी और फिर धीरे-धीरे देशभर में मशहूर हो गई। दरअसल, कई इतिहासकारों का ऐसा मानना है कि गुजिया तुर्किए की फेमस मिठाई बकलावा (Baklava) से प्रेरित है।
बकलावा को मैदे की कई परतों के बीच ड्राई फ्रूट्स, चीनी और शहद की फिलिंग भरकर बनाया जाता है। ऐसा भी कहा जाता है कि बकलावा सिर्फ शाही परिवारों में ही बनाया जाता था। इसी मिठाई की तर्ज पर भारत में गुजिया भी शुरुआत हुई। इतिहासकारों की मानें तो गुजिया का जिक्र सबसे पहले 13वीं शताब्दी में मिलता है, जब इसे धूप में सुखाकर खाया जाता था। बाद में बदलते समय के साथ इसमें कई एक्सपेरिमेंट किए गए और इसका वर्तमान स्वरूप सामने आया। हालांकि, इसकी उत्पत्ति को लेकर कोई सटीक जानकारी नहीं है।
भारत में सबसे पहले कहा बनाई गई गुजिया? (Where was Gujiya first made in India?)
बात करें भारत में इसे सबसे पहले बनाए जाने की, तो ऐसा माना जाता है कि गुजिया सबसे पहले उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड बनाई गई थी। बाद में यह राजस्थान, बिहार और मध्य प्रदेश के रास्ते पूरे देश में मशहूर होती चली गई। यह भी कहा जाता है कि सबसे पहले बुंलेलखंड में ही मैदे और खोया गुजिया बनाई गई थी।
महादेव का ये मंदिर विश्व में सबसे ऊंचाई पर स्थित है
होली और गुजिया का कनेक्शन? (Connection between Holi and Gujiya?)
ये तो हुई होली के इतिहास की बात। अब जानते हैं कैसे शुरू हुई होली पर गुजिया खाने का चलन। मान्यताओं के मुताबिक होली पर गुजिया बनाने की परंपरा वृंदावन से शुरू हुई। यह मौजूद राधा रमण मंदिर में सबसे पहले गुजिया का भोग लगाया गया था। सन् 1542 में बना यह मंदिर देश के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है और कहा जाता है कि यही पर सबसे पहले होली के दिन यानी फाल्गुन माह की पूर्णिमा पर भगवान कृष्ण को आटे की लोई में चाशनी भरकर भोग लगाया था। इसके बाद से ही होली पर गुजिया बनाने की परंपरा शुरू हुई।