RAHUL PANDEY
हलाल सर्टिफिकेट (Halal Certificate) लिखे खाद्य उत्पाद की बिक्री धडल्ले से हो रही है। खाद्य विभाग के अफसर आदेश को दरकिनार किए हुए हैं। शहर के कई क्षेत्रों में हलाल सर्टिफिकेट लिखे उत्पाद खुले आम बिक रहे हैं, लेकिन अफसरों को कुछ नहीं मिल रहा।
अब तक विभाग की ओर से कोई टीम भी गठित नहीं की गई, जो छापेमार कार्रवाई करे। डीएम विशाख जी (VISHAKH JI) ने बताया कि टीमों के गठन का आदेश दिया गया है। खरीद और बिक्री करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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बीते रोज हलाल सर्टिफिकेट लिखे प्रोडेक्ट को लेकर लखनऊ में मुकदमा दर्ज कराया गया था। इसके बाद एक्शन में आए योगी सरकार ने इससे जुडे फूड उत्पाद पर प्रतिबंध लगा दिया है। साथ ही इस संबंध में तत्काल सभी आलाधिकारियों को आदेश जारी कर दिया गया।
इन क्षेत्रों में अधिक बिकता है प्रोडक्ट
दरअसल हलाल सर्टिफिकेट लिखे प्रोडेक्ट की बिक्री सबसे अधिक मुस्लिम क्षेत्रों में होती है। मेस्टन रोड, बिसाती बाजार, रहमानी मार्केट, चमनगंज, बेकनगंज समेत कई क्षेत्र में यह सर्टिफाइड प्रोडेक्ट बिक रहे हैं। जेड स्क्वायर स्थित बिग बाजार में हलाल सर्टिफाइड प्रोडेक्ट बेचे जा रहे हैं।
ऐसे कर रहे खेल
योगी सरकार के प्रतिबंध आदेश के बाद कई उत्पादों में हलाल सर्टिफिकेट के स्थान पर स्टिकर लगा दिया है। जिससे लोगों को समझ न आए।
प्रतिबंध से जुड़ा आदेश जारी
उत्तर प्रदेश में हलाल सर्टिफिकेट (Halal Certificate) से जुड़े फूड उत्पाद पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार ने शनिवार को प्रतिबंध से जुड़ा आदेश जारी किया। इस आदेश के मुताबिक हलाल सर्टिफिकेट वाले खाद्य उत्पादों के निर्माण, भंडारण, वितरण एवं विक्रय पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगाया जाता है। आदेश में कहा गया है कि यदि उत्तर प्रदेश में किसी को हलाल सर्टिफिकेट वाली दवाओं, प्रसाधन सामग्रियों का विनिर्माण, भंडारण, वितरण एवं खरीद-बिक्री करते हुए पाया गया तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
हलाल, हराम और इस्लाम
हलाल अरबी भाषा का शब्द है, जिसका मतलब होता है ‘जायज’ या ‘मुनासिब’। इस्लाम धर्म में खानपान के संदर्भ में दो चीजों का इस्तेमाल किया जाता है- हलाल और हराम। हलाल से मतलब ऐसे खानपान से है, जिसे इस्लामी परंपरा, विश्वास और मान्यताओं के मुताबिक तैयार किया गया है। वहीं, हराम का मतलब है ऐसा खानपान जो इस्लाम में प्रतिबंधित है।
क्या है हलाल सर्टिफिकेट? (What is Halal Certificate)
अब बात करते हैं हलाल सर्टिफिकेट की. हलाल सर्टिफिकेट (Halal Certificate) का सीधा मतलब यह है कि इससे उपभोक्ताओं को पता लगता है कि संबंधित प्रोडक्ट हलाल माने जाने के जरूरी मानकों को पूरा करता है अथवा नहीं. अगर किसी प्रोडक्ट पर हलाल सर्टिफिकेट का जिक्र है तो जरूरी नहीं है कि उस प्रोडक्ट में मीट है या मांस का कोई लेना-देना है.
बता दें कि नॉन वेज प्रोडक्ट के लिए हलाल सर्टिफिकेट होता था. 1993 तक सिर्फ मीट प्रोडक्ट्स पर ही हलाल सर्टिफिकेट लागू होता था. लेकिन बाद में ब्यूटी प्रोडक्ट्स और दवाओं आदि पर भी इसे लागू किया जाने लगा. हलाल का मतलब इस्लामी कानून के तहत बने प्रोडक्ट्स से है.
भारत में कौन देता है सर्टिफिकेट?
भारत में Halal Certificate देने के लिए कोई आधिकारिक अथवा सरकारी संस्था नहीं है. कई निजी कंपनियां और एजेंसियां व्यक्तिगत तौर पर हलाल सर्टिफिकेट मुहैया कराती हैं. इन कंपनियों की वैधता, खासकर मुस्लिम उपभोक्ता के बीच इनकी पहचान या इस्लामी देशों से इनकी मान्यता पर निर्भर है. प्रोडक्ट्स का हलाल सर्टिफिकेशन होने के बाद इस्लामिक देशों में प्रोडक्ट्स का एक्सपोर्ट आसान हो जाता है. कई इस्लामिक देशों में सिर्फ हलाल प्रोडक्ट्स की ही अनुमति है. ग्लोबल फूड मार्केट का लगभग 19% हलाल प्रोडक्ट्स हैं.
उदाहरण के तौर पर हलाल सर्टिफिकेट (Halal Certificate) देने वाली भारत की एक प्रमुख कंपनी ‘हलाल इंडिया’ (Halal India) अपनी वेबसाइट पर दावा करती है कि वह किसी भी प्रोडक्ट को लैब में टेस्टिंग और तमाम ऑडिट के बाद ही हलाल सर्टिफिकेट देती है. हलाल इंडिया के सर्टिफिकेट को कतर, यूएई और मलेशिया जैसे देश मान्यता देते हैं.
क्यों पड़ती है हलाल सर्टिफिकेट की जरूरत?
भारत में किसी खाद्य पदार्थ या दूसरे उत्पाद को बेचने के लिए हलाल सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं पड़ती. यहां खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) और दूसरी नियामक संस्थाओं के मानकों को पूरा करना पड़ता है. जबकि विदेशों, खासकर इस्लामिक देशों में तमाम प्रोडक्ट के लिए हलाल सर्टिफिकेट का होना जरूरी है. इसीलिये कंपनियां हलाल सर्टिफिकेट लेती हैं.
यूपी सरकार के इस कदम के बाद सहारनपुर में जमीयत उलमा ए-हिंद सामने आ गया है। जमीयत के हलाल ट्रस्ट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) नियाज अहमद फारुखी ने कहा,”हलाल लिखे उत्पादों की बिक्री पर प्रतिबंध लगाना गलत है। इस मुद्दे को लेकर कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे।”