HALAL CERTIFICATE : सीएम योगी के आदेश को कानपुर के सहायक आयुक्त औषधि (Assistant Commissioner Medicine) नहीं मानते हैं।
हलाल सर्टिफाइड (HALAL CERTIFICATE) प्रोडक्ट के बैन के बाद शासन की ओर दवाओं और कॉस्मेटिक प्रोडक्ट की जांच के निर्देश दिए गए थे। लेकिन अब तक शहर में जांच तो छोडिए औषधि विभाग की ओर से कोई टीम तक गठित नहीं की गई है। है।कॉस्मेटिक प्रोडक्ट पर कोई एक्शन नहीं दिखा। इस संबंध में जब सहायक आयुक्त औषधि दिनेश कुमार तिवारी से जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया कि कोई टीम गठित नहीं की गई और न ही इसकी जरूरत।
छापे में KANPUR FOOD DEPARTMENT को क्यों नहीं मिल रहा?
हलाल सर्टिफाइड उत्पादों को लेकर शासन स्तर से सख्ती बढ़ती जा रही है। खाद्य पदार्थों के बाद अब दवाओं और कॉस्मेटिक उत्पादों की जांच के निर्देश जारी कर दिए गए हैं। अलग-अलग जिलों में खाद्य सुरक्षा विभाग (Food Safety and Drug Administration) लगातार कार्रवाई कर रहा है। लेकिन ये कार्रवाई सिर्फ खाने-पीने के सामान तक ही सीमित है। कॉस्मेटिक प्रोडक्ट पर कोई एक्शन नहीं दिखा।
डीपफेक का इस्तेमाल कर ठगों ने बुजुर्ग को किया ब्लैकमेल
अपर मुख्य सचिव खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन अनीता सिंह (Additional Chief Secretary Food Safety and Drug Administration Anita Sing) की ओर से पत्र जारी कर इस संबंध में जांच करने के निर्देश दिए गए हैं। पत्र में कहा गया है कि दवाओं और कॉस्मेटिक प्रॉडक्ट पर भी हलाल सर्टिफिकेशन संबंधी जानकारी मिली है। इसमें हलाल सर्टिफाइड प्रॉडक्ट को लेकर कार्रवाई किए जाने की योजना बनाई गई। इस संबंध में सभी जिलों में तैनात ड्रग इंस्पेक्टर को निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
इन उत्पादों पर हो सकता है हलाल सर्टिफिकेशन
सौंदर्य उत्पाद मसलन फेस क्रीम, लिपिस्टिक, लोशन और पाउडर आदि की जांच करने के निर्देश दिए गए हैं। जो कंपनियां इस तरह के उत्पादों को एक्सपोर्ट करती हैं, उनके उत्पादों की जिले में जांच की जाएगी। एसीएस के पत्र के अनुसार, इस तरह से सैकड़ों उत्पादों की बिक्री प्रदेश के कई हिस्सों में होने की जानकारी मिली है। प्रदेश में ऐसे उत्पादों की बिक्री पर शासन ने प्रतिबंध लगाया है।
आखिर KANPUR FOOD DEPARTMENT की टीम को हलाल सर्टिफाइड प्रोडक्ट मिल ही गया
प्रतिबंध से जुड़ा आदेश जारी
उत्तर प्रदेश में हलाल सर्टिफिकेट (Halal Certificate) से जुड़े फूड उत्पाद पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार ने शनिवार को प्रतिबंध से जुड़ा आदेश जारी किया। इस आदेश के मुताबिक हलाल सर्टिफिकेट वाले खाद्य उत्पादों के निर्माण, भंडारण, वितरण एवं विक्रय पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगाया जाता है। आदेश में कहा गया है कि यदि उत्तर प्रदेश में किसी को हलाल सर्टिफिकेट वाली दवाओं, प्रसाधन सामग्रियों का विनिर्माण, भंडारण, वितरण एवं खरीद-बिक्री करते हुए पाया गया तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
हलाल, हराम और इस्लाम
हलाल अरबी भाषा का शब्द है, जिसका मतलब होता है ‘जायज’ या ‘मुनासिब’। इस्लाम धर्म में खानपान के संदर्भ में दो चीजों का इस्तेमाल किया जाता है- हलाल और हराम। हलाल से मतलब ऐसे खानपान से है, जिसे इस्लामी परंपरा, विश्वास और मान्यताओं के मुताबिक तैयार किया गया है। वहीं, हराम का मतलब है ऐसा खानपान जो इस्लाम में प्रतिबंधित है।
क्या है हलाल सर्टिफिकेट? (What is Halal Certificate)
अब बात करते हैं हलाल सर्टिफिकेट की. हलाल सर्टिफिकेट (Halal Certificate) का सीधा मतलब यह है कि इससे उपभोक्ताओं को पता लगता है कि संबंधित प्रोडक्ट हलाल माने जाने के जरूरी मानकों को पूरा करता है अथवा नहीं. अगर किसी प्रोडक्ट पर हलाल सर्टिफिकेट का जिक्र है तो जरूरी नहीं है कि उस प्रोडक्ट में मीट है या मांस का कोई लेना-देना है.
भारत में कौन देता है सर्टिफिकेट?
भारत में Halal Certificate देने के लिए कोई आधिकारिक अथवा सरकारी संस्था नहीं है. कई निजी कंपनियां और एजेंसियां व्यक्तिगत तौर पर हलाल सर्टिफिकेट मुहैया कराती हैं. इन कंपनियों की वैधता, खासकर मुस्लिम उपभोक्ता के बीच इनकी पहचान या इस्लामी देशों से इनकी मान्यता पर निर्भर है. प्रोडक्ट्स का हलाल सर्टिफिकेशन होने के बाद इस्लामिक देशों में प्रोडक्ट्स का एक्सपोर्ट आसान हो जाता है. कई इस्लामिक देशों में सिर्फ हलाल प्रोडक्ट्स की ही अनुमति है. ग्लोबल फूड मार्केट का लगभग 19% हलाल प्रोडक्ट्स हैं.