हनुमान जी (Hanuman Ji) की उपासना से साहस और शक्ति प्राप्त होती है। अगर सच्चे मन से याद किया जाए तो भगवान हनुमान अपने भक्तों की मनोकामनाएं अवश्य पूर्ण करते हैं। वेद-पुराणों के अनुसार, भगवान हनुमान अमर हैं। इस धरती पर वह तब तक रहेंगे जब तक कलयुग का अंत नहीं हो जाता। मां काली ने उन्हें अपना रक्षक बनाया है तो भगवान शनिदेव ने उन्हें वरदान दिया है जो भी उनकी पूजा करेगा वह उसकी रक्षा करेंगे।
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बजरंगबली कहा जाने लगा
माना जाता है कि हनुमान जी आज भी पृथ्वी पर विराजमान हैं। हनुमानजी के बचपन का नाम मारुति है। एक बार मारुति ने भगवान सूर्य को फल समझकर खा लिया, जिससे पूरे संसार में अंधेरा छा गया। इस घटना से क्रोधित होकर भगवान इंद्र ने मारुति पर वज्र से प्रहार किया, जिससे उनका जबड़ा टूट गया और वह मूर्छित हो गए। इस घटना के बाद से मारुति हनुमान नाम से प्रसिद्ध हुए। हनुमान जी महायोगी हैं। उन्होंने सूर्य नमस्कार की खोज की। इस तरह वह अपने गुरू सूर्यदेव को प्रणाम करते थे। माता सीता को सिंदूर लगाते देख हनुमान जी ने भगवान श्री राम की लंबी आयु के लिए अपने पूरे शरीर पर सिंदूर लगा लिया। सिंदूर को बजरंग कहा जाता है l यही कारण है कि उनको बजरंगबली कहा जाने लगा।
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हनुमानजी ने नाखूनों से उकेरा श्रीराम कथा को…
भगवान श्रीराम के राज्याभिषेक के बाद हनुमानजी हिमालय चले गए और वहां श्रीराम कथा को अपने नाखूनों से उकेरा l जब महर्षि वाल्मीकि अपने द्वारा रचित रामायण को दिखाने के लिए हनुमानजी के पास गए तो हिमालय पर वर्णित रामायण को देख उदास हो गए। महर्षि वाल्मीकि का मानना था कि हनुमान जी द्वारा रचित रामायण श्रेष्ठ है। हनुमानजी ने जब यह देखा तो उन्होंने अपने द्वारा रचित रामायण को मिटा दिया। महाभारत काल में महारानी कुंती ने पुत्र प्राप्ति की इच्छा से पवनदेव की आराधना की, जिसके फलस्वरूप भीम का जन्म हुआ। इस प्रकार हनुमानजी और भीम दोनों भाई माने जाते हैं। महाभारत काल में हनुमान जी ध्वजा के रूप में अर्जुन के रथ पर विराजित थे। माना जाता है कि उन्होंने सबसे पहले भगवान श्रीकृष्ण के मुख से भागवत गीता सुनी थी।
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