Lionel Messi : बार्सिलोना (Barcelona) फुटबॉल क्लब प्रतिभावान खिलाड़ियों के लिए ‘टैलेंट हंट प्रोग्राम’ चला रहा था। तभी मेसी के पिता को कहीं से इस बात की खबर लगी और उन्होंने बार्सिलोना एफसी से संपर्क किया।
महापौर ने पार्षद को लगाई फटकार
डीएम के अल्टीमेटम के बाद भी नहीं सुधरे जिला खनन अधिकारी
फुटबॉल क्लब बार्सिलोना के स्पोर्टिंग निदेशक कार्लेस रेक्सैक ने मेसी की प्रतिभा के चर्चे सुन रखे थे। मेसी 13 साल के थे तब बार्सिलोना की नजरों में आए। फिर एक महान खिलाड़ी का उदय हुआ। आज वह खिलाड़ी 36 साल का हो गया है। अर्जेंटीना (Argentina) के महान क्रांतिकारी नेता चे ग्वेरा के शहर रोजारियो में जन्मे मेसी के फुटबॉलर बनने की कहानी भी रोचक है।
बात 17 अक्तूबर 2004 की है। स्पेन (SPAIN) में बार्सिलोना और एस्पेनयोल क्लब के बीच ला लिगा (स्पेन में फुटबॉल लीग का नाम) का मैच चल रहा था। मुकाबले के 82वें मिनट में दिग्गज खिलाड़ी डेको को सब्सीट्यूट करने का फैसला किया गया। उनके स्थान पर बार्सिलोना ने एक 17 वर्षीय फुटबॉलर को मैदान पर भेजा। उस समय किसी को हैरानी नहीं हुई। यह खिलाड़ी बार्सिलोना की जूनियर टीमों में तहलका मचा चुका था। सबको यह देखना था कि पहले सीनियर मैच में वह कैसा प्रदर्शन करता है। उसे कुछ ही मिनट खेलने को मिले, लेकिन सबने यह देख लिया कि फुटबॉल को एक नया सितारा मिल गया है। उसने बार्सिलोना (Barcelona) क्लब के इतिहास में ही नहीं, बल्कि फुटबॉल इतिहास में अपने नाम को सुनहरे अक्षरों में लिख दिया। वह आज सर्वकालिक महान खिलाड़ियों में एक माना जाता है। उसका नाम लियोनल आंद्रेस मेसी है। मेसी शनिवार (24 जून) को 36 साल के हो गए।
इस साल तुलसी विवाह पर बन रहा है बहुत ही शुभ संयोग
पाना चाहते हैं परमानेंट टैटू से छुटकारा तो…
बार्सिलोना के लिए सबकुछ जीता
मेसी (Lionel Messi) को बार्सिलोना (Barcelona) क्लब से बहुत प्यार है। वह 2004 से 2021 तक इस टीम के साथ खेले। 2021 में भी क्लब नहीं छोड़ना चाहते थे, लेकिन अंत समय में जब बार्सिलोना आर्थिक रूप से कोई रास्ता नहीं निकाल पाया तो मेसी को रोते हुए क्लब से बाहर जाना पड़ा। मेसी ने बार्सिलोना के लिए रिकॉर्ड का अंबार लगा दिया। उन्होंने 778 मैच में 672 गोल दागे।
मेसी को खल रही थी अंतरराष्ट्रीय जीत की कमी
मेसी ने बार्सिलोना के साथ 34 प्रमुख ट्रॉफियां जीतीं, लेकिन उनके दिल में अंतरराष्ट्रीय खिताब नहीं जीतने की टीस थी। अर्जेंटीना के लिए मेसी ने 2004 में डेब्यू किया था। 2021 तक टीम के लिए खेलते हुए उन्हें 17 साल हो गए थे। वह इस दौरान चार बार विश्व कप और पांच कोपा अमेरिका टूर्नामेंट में हार चुके थे। इनमें 2014 विश्व कप का फाइनल शामिल है। तब मेसी ने अपनी कप्तानी में टीम को फाइनल तक तो पहुंचाया, लेकिन वह जर्मनी को नहीं हरा पाए थे। मेसी टूर्नामेंट के बेस्ट प्लेयर चुने गए थे, लेकिन खिताब उनसे दूर रह गया था। वहीं, दक्षिण अमेरिका के प्रतिष्ठित टूर्नामेंट कोपा अमेरिका में वह तीन फाइनल 2021 से पहले हार चुके थे। 2016 के बाद तो उन्होंने संन्यास भी ले लिया था, लेकिन फैंस और राष्ट्रपति के कहने पर वापस लौट आए।
क्यों कांवड़िया सावन में गंगाजल से करते हैं भगवान शिव का अभिषेक?
क्या है पुंसवन संस्कार, क्यों माना गया है जरूरी
लस्ट स्टोरीज 2 का ट्रेलर हुआ रिलीज
दो साल में सबकुछ हासिल कर लिया
2021 में कोपा अमेरिका टूर्नामेंट से पहले मेसी की झोली में एक भी अंतरराष्ट्रीय खिताब नहीं था। उन्हें सिर्फ क्लब का दिग्गज कहा जाने लगा था। मेसी की किस्मत अचानक बदल गई। 2021 में उनकी कप्तानी में अर्जेंटीना की टीम पहली बार कोपा अमेरिका जीती। अर्जेंटीना 1993 के बाद इस खिताब को जीता था। इसके बाद 2022 में दो महादेशों की बेस्ट टीम के बीच मैच हुआ। उसे फिनालिसिमा कहा जाता है। दक्षिण अमेरिका की बेस्ट टीम अर्जेंटीना और यूरोप की बेस्ट टीम इटली आमने-सामने हुई। लंदन के वेम्बेले स्टेडियम में अर्जेंटीना ने फिर से धमाकेदार प्रदर्शन किया और दो साल में दूसरा खिताब जीता लिया। इसके बाद बारी थी सबसे बड़े टूर्नामेंट विश्व कप की। उसी साल नवंबर-दिसंबर में कतर में आयोजित विश्व कप को अर्जेंटीना ने जीत लिया। मेसी फिर से विश्व स्तर पर चमके। वह टूर्नामेंट के बेस्ट खिलाड़ी चुने गए। उनका करियर कंप्लीट हो गया। उन्होंने दुनिया जीत ली थी।
17 ठिकानों समेत 55 प्रतिष्ठानों में छापा
पुरुषोत्तम दास ज्वेलर्स के ठिकानों पर इनकम टैक्स और ईडी का छापा
योगी सरकार ने लागू की एलएडीसीएस प्रणाली
मानक बगैर तन रही इमारतों पर केडीए वीसी विशाख जी सख्त
क्यों अधूरी रह गई थी भगवान की मूर्तियां?, जानिए कथा